भारत में और मुश्किल होगा चीनी माल का बिकना
भारत ने पू्ंजीगत और उपभोक्ता मालों पर मानकों को कड़ा कर दिया है. अधिकारियों का तर्क है कि यह कदम चीन से होने वाले सस्ते आयात पर नियंत्रण के लिए किया गया है. दोनों देशों के बीच कूटनीतिक स्तर पर भी तनाव बना हुआ है.
नये नियमों की तैयारी
नये नियम खास तौर पर खिलौनों, इलेक्ट्रॉनिक, मशीनों, फूड प्रोसेसिंग, केमिकल और निर्माण से जुड़े सामानों पर लागू होंगे. इन सभी क्षेत्रों में भारत में चीन का काफी सामान आयात किया जाता है.
खिलौनों की जांच
खासतौर पर खिलौनों के लिए की जाने वाली जांच में इस्तेमाल किया जाने वाले केमिकल और ज्वलनशील पदार्थों पर ध्यान दिया जायेगा. इसके अलावा इलेक्ट्रॉनिक खिलौनों पर विशेष ध्यान रहेगा.
खिलौना बाजार में चीन
भारत के 76 करोड़ डॉलर के खिलौना बाजार में चीन की 85 प्रतिशत की हिस्सेदारी है. इसमें पचास रुपये से लेकर 10 हजार रुपये तक के खिलौने शामिल हैं. भारत में ज्यादातर रोबोट भी चीन से भी आयात किये जाते हैं.
कंपनियों के लिए भी मुश्किल
भारत से कारोबार करने वाली चीन की कंपनियों के लिए आने वाले वक्त में काफी मुश्किलें होगीं. खासकर बिजली वितरण और टेलीकॉम के व्यवसाय में संभावित निवेश करने वाली कंपनियों को सख्त नियमों की सामना करना होगा.
चीन के लिए मुश्किल
रिपोर्ट के मुताबिक जिन भी सेक्टर्स में नये नियम सख्ती से लागू किये जा रहे हैं उसके दो तिहाई बाजार में चीन का प्रभुत्व है. स्टील उद्योग में भी जल्द ही नये दिशा निर्देश जारी किये जाने हैं.
भारत-चीन का व्यापार
1999 से 2000 के बीच भारत और चीन के बीच 1.83 अरब डॉलर का व्यापार हुआ. द्विपक्षीय व्यापार 2016-2017 में बढ़कर 71.45 अरब डॉलर हो गया है. लेकिन एक बार फिर चीन के लिए भारत सख्त कानून लागू करने की तैयारी कर रहा है. -एसएस/एमजे (रॉयटर्स)