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भारत में एक अरब यूरो का निवेश करेगा जर्मनी

२ नवम्बर २०१९

जर्मन चांसलर अंगेला मैर्केल ने अपने तीन दिवसीय दौरे के समापन पर भारत में ग्रीन परियोजनाओं में एक अरब यूरो के निवेश की घोषणा की है. भारत में हुई वार्ताओं के दौरान जलवायु परिवर्तन उनके एजेंडे के केंद्र में रहा.

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Merkel in Indien
तस्वीर: picture-alliance/dpa/M. Kappeler

जर्मन चांसलर अंगेला मैर्केल गुरुवार को भारत के दौरे पर पहुंची थीं और शनिवार को इस यात्रा का समापन हुआ. इस मौके पर मैर्केल ने कहा कि जर्मन-भारतीय साझेदारी के तहत नई ग्रीन मोबिलिटी परियोजनाओं में एक अरब यूरो का निवेश किया जाएगा. नई दिल्ली में इंडो-जर्मन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स के एक कार्यक्रम में मैर्केल ने कहा, "हमें यूरोपीय-भारत मुक्त व्यापार समझौते के लिए नए सिरे से प्रयास करने की जरूरत है." इस दौरे में प्रधानमंत्री मोदी के साथ होने वाली उनकी वार्ताओं में व्यापार, निवेश, क्षेत्रीय सुरक्षा और जलवायु परिवर्तन पर मुख्य रूप से चर्चा हुई.

चांसलर मैर्केल के साथ भारत दौरे पर गईं डॉयचे वेले की मुख्य राजनीतिक संपादक मिषाएला कुइफनर ने ट्वीट किया कि भारत और जर्मनी की पांचवी मंत्रिस्तरीय वार्ता में कुल 22 दस्तावेजों पर हस्ताक्षर हुए जिनमें आर्टिफिशल इंटेलीजेंस से लेकर योग तक विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर जोर दिया गया है. उन्होंने कहा कि इस दौरे में चांसलर मैर्केल ने कश्मीर का भी जिक्र किया और वहां स्थिति के बारे कहा कि वह "टिकाऊ नहीं" है.


जर्मन निवेश
योजना के मुताबिक जर्मनी भारत में बहुत सारी ईको फ्रेंडली परियोजनाओं में निवेश करेगा, जैसे कि भारत के शहरी क्षेत्रों में डीजल से चलने वाली बसों की जगह बिजली से चलने वाली 500 बसें लाई जाएंगी. इस परियोजना को अगले पांच साल के दौरान लागू किया जाना है. मैर्केल ने शनिवार को गाड़ियों के पुर्जे बनाने वाली जर्मन कंपनी कॉन्टिनेंटल की एक भारतीय फैक्ट्री का दौरा भी किया. हालांकि भारत में जर्मनी की 1,700 कंपनियां काम कर रही हैं लेकिन बहुत से जर्मन उद्यमी भारत में निवेश करने से हिचकिचाते हैं.

Merkel in Indien
तस्वीर: picture-alliance/dpa/M. Kappeler

मैर्केल जर्मनी में आकर काम करने के इच्छुक दक्षता प्राप्त भारतीयों के लिए रिक्रूटमेंट प्रक्रिया को भी आसान बनाना चाहती हैं. उन्होंने डिजीटलीकरण और तकनीक उन्नत बनाने के अलावा कृषि और स्वास्थ्य के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने पर भी बल दिया. उन्होंने चैंबर्स ऑफ कॉमर्स से कहा, "हमारा प्रस्ताव यह है कि विदेशी व्यापार चैंबर्स रिक्रूटमेंट प्रक्रिया का शुरुआती बिंदु बनें." भारत और यूरोपीय संघ के बीच 2007 में शुरू हुई मुक्त व्यापार समझौता वार्ता 2012 में खत्म हो गई. यूरोपीय संघ में जर्मनी अब भी भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझीदार है.

मैर्केल भारत और जर्मनी के बीच हर दो साल पर होने वाली मंत्रिस्तरीय वार्ता के लिए नई दिल्ली गई थीं. इस दौरे में उनके साथ कई मंत्री भी गए थे जिनमें विदेश मंत्री हाइको मास और कृषि मंत्री यूलिया क्लोएक्नर भी शामिल थे. 

एके/एमजे (रॉयटर्स, डीपीए)

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