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भारत के लिए 'वॉंटेड' नहीं रहा क्वात्रोची

२८ अप्रैल २००९

बोफोर्स घोटाले के आरोपी इटली के ओतावियो क्वात्रोची के ख़िलाफ जारी रेड कॉर्नर नोटिस इंटरपोल ने वापस ले लिया है. सीबीआई की अपील के बाद ये क़दम उठाया गया है. लेकिन भारत में अब इस पर ज़ोरदार राजनीति हो रही है.

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क्वात्रोची को मिली राहततस्वीर: AP

18 साल पुराने बोफोर्स घोटाले के आरोपी इटली के ओतावियो क्वात्रोची के ख़िलाफ़ जारी किया गया रेड कॉर्नर नोटिस इंटरपोल ने हटा दिया है. सीबीआई ने भी क्वात्रोची का नाम अपनी ''वॉंटेड'' सूची से हटा दिया है.

राजीव गांधी सरकार के कार्यकाल में हुए बोफोर्स तोप घोटाले में सीबीआई ने इंटरपोल से अपील की थी कि उसे क्वात्रोची के ख़िलाफ़ ऐसा कुछ नहीं मिला है जिसके आधार पर रेड कॉर्नर नोटिस को जारी रखने की अपील की जा सके. सीबीआई के इस इक़रारनामे के बाद इंटरपोल ने क्वात्रोची के ख़िलाफ़ 12 साल से चले आ रहे रेड कॉर्नर नोटिस को हटा लिया है.

अब सीबीआई को इस मामले में सामने आई यह जानकारी अदालत को देनी पड़ेगी. मामले की अगली सुनवाई 30 अप्रैल को होनी है. सीबीआई के प्रवक्ता हर्ष बहल कहते हैं, '' इस केस की सुनावाई 1999 से चल रही है. सीबीआई को यह फैसला अब तक मिले सबूतों के आधार पर करना पड़ा है. हम अदालत की अगली सुनवाई में यह जानकारी दे देंगे.''

सीबीआई का यह फैसला अटॉर्नी जनरल मिलॉन बनर्जी के सुझाव के बाद आया है. अटॉर्नी जनरल मिलॉन बनर्जी ने सरकार को भेजे एक ख़त में लिखा था कि, ''सीबीआई के पास ऐसी कोई भी चीज़ नहीं है जिसके आधार पर वह रेड कॉर्नर नोटिस को जारी रखने की अपील कर सके. ऐसे में, मैं यह मानता हूं कि रेड कॉर्नर नोटिस को तुंरत वापस लेना चाहिए.''

लेकिन, इस मामले की जानकारी ऐसे वक्त में सामने आई है जब यूपीए सरकार के पांच साल का कार्यकाल पूरा हो रहा है.

क्वात्रोची पर आरोप हैं कि उसने बोफोर्स तोप सौदे में दलाली के तौर पर मोटी रकम डकारी थी. क्वात्रोची भारत के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी और उनकी पत्नी सोनिया गांधी के क़रीबी बताए जाते रहे हैं. बोफोर्स घोटाले में कई आऱोप क्वात्रोची के साथ साथ पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी पर भी लगे थे.


क्वात्रोची के ख़िलाफ़ इंटरपोल ने रेड कॉर्नर नोटिस 1997 में जारी किया था. सीबीआई का दावा 2003 में और मज़बूत हो गया था, जब लंदन में क्वात्रोची और उनकी पत्नी के दो बैंक खातों का पता चला. एक बैंक खाते में 30 लाख यूरो और दूसरे में 10 लाख डॉलर जमा थे. इसके बाद दोनों खातों को सील कर दिया गया. लेकिन 2006 में भारत सरकार के कानून मंत्रालय ने फ्रीज़ किए गए बैंक खातों को बहाल करने की सहमति दे दी.

अब इस ताज़ा विवाद ने भारत की राजनीति में एक बार फिर हलचल मचा दी है. बीजेपी के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार लालकृष्ण आडवाणी ने कांग्रेस पर आरोप लगाया है कि वह सीबीआई का राजनीतिक दुरुपयोग कर रही है. आडवाणी ने कहा कि सिर्फ क्वात्रोची ही नहीं, बल्कि पिछले पांच से में सीबीआई ने राजनीतिक मामलों से जुड़े जितने भी मामलों की जांच की है, सबकी समीक्षा होनी चाहिए. इस बीच कांग्रेस के प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने पलटवार करते हुए कहा है कि बीजेपी इस मामले में हर बार ज़बर्दस्ती पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी का नाम घसीटती है.

रिपोर्ट- एजेंसियां, ओ सिंह

संपादन- एस जोशी