भारत के लिए रवाना हुईं देवयानी
१० जनवरी २०१४भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता सैयद अकबरुद्दीन ने ट्विटर के जरिए कहा, "अमेरिका ने देवयानी को जी1 वीजा देकर उन्हें राजनयिक विशेषाधिकार दे दिए हैं. भारत उन्हें वापस ट्रांसफर कर रहा है. वह अब घर आ रही हैं." कुछ ही घंटे पहले न्यूयॉर्क में अभियोजन पक्ष ने देवयानी के खिलाफ आरोप दर्ज किए थे.
एक संवाददाता सम्मेलन में देवयानी के पिता उत्तम खोबरागड़े ने कहा, "हम स्वाभिमानी भारतीय हैं. हमारा देश गरीब हो सकता है लेकिन हम अपनी स्वायत्तता पर समझौता नहीं करेंगे. एक परिवार की हैसियत से हम ऐसे देश की जमीन पर पैर नहीं रखना चाहेंगे जो लोगों के साथ ऐसा सलूक करता हो." उन्होंने कहा कि देवयानी के अमेरिकी पति और उनके बच्चे कुछ दिनों बाद भारत आएंगे.
दो आरोप दर्ज
उधर न्यूयॉर्क में अभियोजन वकील प्रीत भरारा ने कहा कि जूरी ने देवयानी के खिलाफ वीजा में हेरा फेरी और गलत बयान देने के आरोप दर्ज किए हैं. जूरी ने आरोप में कहा है कि देवयानी ने अपनी नौकरानी संगीता रिचर्ड को महीने में 30,000 रुपए यानी 573 डॉलर देने की बात कही थी, जो भारत के स्तर से ऊंचा है लेकिन अमेरिकी कानून के मुताबिक बहुत ही कम.
वीजा के लिए अमेरिकी अधिकारियों को गलत करार दिखाया गया जिसमें नौकरानी को महीने में 4,500 डॉलर देने की बात कही गई. खोबरागड़े की नौकरानी का कहना है कि उनसे बहुत ज्यादा काम कराया गया और शुरुआत में वह हफ्ते में पूरे सात दिन काम करती थीं. उसे बीमार होने पर भी छुट्टी नहीं दी गई.
रिश्तों में दरार
विवाद 12 दिसंबर को शुरू हुआ. देवयानी पर आरोप लगे कि उन्होंने अपनी नौकरानी को वीजा दिलाने के लिए गलत दस्तावेजों का इस्तेमाल किया और बाद में उन्हें कम पैसे भी दिए. देवयानी को उनके बच्चों के स्कूल के बाहर गिरफ्तार किया गया. उन्होंने अमेरिकी अधिकारियों पर आरोप लगाया कि उनके साथ हिरासत में बुरा सलूक हुआ और यह राजनयिक विशेषाधिकारों के खिलाफ है. अमेरिकी अधिकारियों ने इस दावे का विरोध करते हुए कहा कि वह वाणिज्य अधिकारी हैं और उन्हें विशेषाधिकार नहीं दिए जा सकते. इसके बाद भारत ने देवयानी को संयुक्त राष्ट्र भेजने का फैसला किया जिससे देवयानी को राजनयिक विशेषाधिकार मिल सकें.
दोनों देशों के बीच हुए समझौते से विवाद तो खत्म हुआ है लेकिन इस मामले से रिश्तों पर बुरा असर पड़ा है. भारत ने नई दिल्ली दूतावास के बाहर से अतिरिक्त सुरक्षा बैरियर हटा दिए हैं और अमेरिकी राजनयिकों के घरों में काम कर रहे भारतीय नौकरों के साथ करार करने की मांग की है. अमेरिकी विदेश मंत्री जॉन केरी ने खोबरागड़े के साथ बर्ताव को लेकर आपत्ति जताई है लेकिन विवाद को कम करने के लिए उनकी कोशिशें कुछ खास नहीं रहीं.
एमजी/आईबी (एपी, एएफपी)