भारत के लिए भी वॉर्निंग है कनाडा की नदी
२१ अप्रैल २०१७कनाडा में एक बड़े ग्लेशियर के पिघलकर पीछे खिसकने से स्लिम्स नदी का रास्ता बदल गया. चार दिन के भीतर हुई इस घटना ने वैज्ञानिकों को हैरान कर दिया है. चार दिन के भीतर नदी का पुराना रास्ता पूरी तरह सूख गया. वहां मौजूद कई जीवों ने दम तोड़ दिया. जलवायु परिवर्तन की वजह से ऐसी घटनाएं बढ़ने का अंदेशा जताया जा रहा है.
नेचर जियोसाइंस पत्रिका में छपी रिपोर्ट के मुताबिक स्लिम्स नदी अब बेरिंग सागर की तरफ नहीं बह रही है. उसने प्रशांत महासागर की तरफ जाने वाला रास्ता चुना है. रिसर्च के सह लेखक और वॉशिंगटन यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर जेरार्ड रोय कहते हैं, "नाटकीय रूप से पानी की केमिस्ट्री और बायोलॉजी भी बदल गई."
रिसर्च के मुख्य लेखक कनाडा के जियोमोर्फोलोजिस्ट डैनियल शुगर, जेरार्ड रोय के साथ ग्लेशियर तक पहुंचे. इस दौरान उन्हें कहीं स्लिम्स नदी नहीं दिखाई पड़ी. इतनी बड़ी नदी कहां गई, इस सवाल ने वैज्ञानिकों को उलझा दिया. नदी की खोज करते करते दोनों ग्लेशियर तक पहुंचे. तब उन्हें पता चला कि ग्लेशियर पिघलकर काफी पीछे जा चुका है और अब बिल्कुल उल्टी दिशा में मौजूद ढलान से पानी बह रहा है. नदी अब 1,300 किलोमीटर नए रास्ते पर निकल चुकी है.
कंप्यूटर गणना से पता चला कि यह सब कुछ चार दिन के भीतर हो गया. नदी के पुराने रास्ते में पड़ने वाली झीलों का जलस्तर भी एक मीटर गिर चुका है. नदी की पुरानी धारा के सहारे जीवन पाने वाला इको सिस्टम भी दम तोड़ने लगा है.
नदियों का रास्ता बदलना कोई नई बात नहीं है. लेकिन यह इतने नाटकीय ढंग से हो सकता है, इसका पता पहली बार चला है. अब तक यह माना जाता था कि बाढ़ के दौरान नदियां रास्ता बदल लेती हैं, जैसा कुछ साल पहले भारत में कोसी नदी के साथ हुआ था. लेकिन अब जलवायु परिवर्तन के साथ इसका सीधा संपर्क सामने आया है.
एशिया, अफ्रीका और दक्षिण अमेरिका जैसे महाद्वीपों के लिए भी कनाडा की घटना चिंताजनक है. धरती के बढ़ते तापमान का असर हिमालय, एंडीज और एटलस के ग्लेशियरों पर भी पड़ रहा है. हिमालय से निकलने वाली दर्जनों नदियां भारत, चीन, पाकिस्तान, नेपाल, भूटान, बांग्लादेश और म्यांमार के लिये जीवनरेखा का काम करती हैं. बीते कई दशकों से हिमालय के ग्लेशियर भी खिसक रहे हैं. भारत के लद्दाख, हिमाचल और उत्तराखंड जैसे राज्यों में इसके साफ प्रमाण भी मिल रहे हैं.
(पर्यावरण के सामने खड़ी पांच बड़ी चुनौतियां)
ओएसजे/एमजे (एपी, एएफपी)