भारत की स्वाधीनता के नायक
70 साल पहले आज ही के दिन महात्मा गांधी की हत्या हुई थी. मौत ने उनके विचारों को मरने नहीं दिया और सात दशक बाद भी दुनिया उनकी जरूरत पहले से कहीं ज्यादा महसूस कर रही है. उनकी 70वीं पुण्य तिथि है देखिये उन्हें तस्वीरों में.
1915
दक्षिण अफ्रीका से वापस लौटने पर कस्तूरबा के साथ
1925
उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर में विरोध प्रदर्शन के दौरान चरखा चलाते महात्मा गांधी
1929
बॉम्बे स्टेशन पर स्वागत के लिए उमड़ी भीड़ को ऑटोग्राफ देते महात्मा गांधी.
1930
नमक कानून का विरोध करने के लिेए आंदोलन के दौरान महात्मा गांधी.
1930
चीने के तत्कालीन नेता चियांग काईशेक और उनकी पत्नी के साथ महात्मा गांधी. यह मुलाकात दोनों देशों की साझा समस्याओं पर विचार के लिए हुई थी.
1931
पूना की जेल से छूटने के बार बॉम्बे में उनका हर्षोल्लास से स्वागत करते लोगों से मिलते महात्मा गांधी
1931
महात्मा गांधी की यह तस्वीर 1931 की है जो समाचार एपी के मशहूर फोटोग्राफर जेम्स ए मिल्स की एलबम में मिली.
1931
बेटे देवदास के साथ महात्मा गांधी स्टीमर में दूसरे गोलमेज सम्मेलन के लिए लंदन जाते हुए.
1931
भारत के संवैधानिक सुधारों के लिए लंदन में दूसरे गोलमेज सम्मेलन में हिस्सा लेने आए महात्मा गांधी 10 डाउनिंग स्ट्रीट के बाहर.
1932
बॉम्बे की इस सभा में बड़ी संख्या में आए लोग उनका भाषण सुन रहे थे इसके तुरंत बाद ही उन्हें पत्नी और बच्चे समेत असहयोग आंदोलन के लिए गिरफ्तार कर लिया गया.
1940
आचार्य कृपलनानी और भारत के पहले राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद के साथ महात्मा गांधी. इलाहाबाद में कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक के दौरान महात्मा गांधी एक प्रस्ताव लिखवा रहे हैं. यह तस्वीर जवाहर लाल नेहरू ने ली थी.
1944
पाकिस्तान की नींव रखने वाले मोहम्मद अली जिन्नाह भी महात्मा गांधी के प्रिय लोगों में थे, देश के विभाजन को लेकर दोनों में मतभेद पैदा हुए.
1946
जवाहर लाल नेहरू महात्मा गांधी के सबसे करीब थे. यह तस्वीर इन दोनों की बॉम्बे में कांग्रेस पार्टी की बैठक के दौरान हुई मुलाकात की है. इसी बैठक में नेहरू कांग्रेस के अध्यक्ष चुने गए.
1946
सूत कातते हुए महात्मा गांधी, यह काम वह नियमित रूप से करते थे.
1946
अपनी पोती और उसकी सहेली के साथ नई दिल्ली के सफाईकर्मियों की बस्ती का दौरा करने गए महात्मा गांधी
1946
हिंदू मुसलमानों के बीच दंगे ने महात्मा गांधी को देश का विभाजन स्वीकार करने पर विवश किया.
1947
लॉर्ड माउंटबेटन के साथ महात्मा गांधी.
1948
दिल्ली में प्रार्थना सभा को संबोधित करने बैठे महात्मा गांधी. हिंदू मुसलमान दंगों के विरोध में उपवास का दूसरा दिन. महात्मा गांधी ने 121 घंटे तक उपवास किया.
1948
30 जनवरी 1948 को नाथू राम गोडसे ने उन्हें गोली मार दी. लगने के बाद अंतिम यात्रा शुरू होने से पहले महात्मा गांधी का शव.
1948
अंतिम यात्रा से पहले उनके शव को अंतिम दर्शन के लिए बिड़ला हाउस में रखा गया था. दर्शन करने वालों की कतार खत्म होने का नाम ही नहीं ले रही थी.
1948
दिल्ली की सड़कों पर जब महात्मा गांधी की अंतिम यात्रा चली तो वहां तिल रखने की भी जगह नहीं थी. रोते बिलखते लोगों का हुजूम सड़कों पर लहरों की तरह उमड़ चला था.