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भारत की दावेदारी, पाक संसद चिंतित

१३ नवम्बर २०१०

पाकिस्तान में संसद ने सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित किया है जिसमें अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के सुरक्षा परिषद में भारत की दावेदारी का समर्थन करने पर चिंता जताई गई है. पाकिस्तान ने ओबामा के फैसले पर जताई है नाखुशी.

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तस्वीर: picture-alliance/ dpa

पाकिस्तान का कहना है कि भारत को अगर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में स्थाई सीट दी जाती है तो इसके गंभीर परिणाम होंगे और दक्षिण एशिया में ताकत का संतुलन प्रभावित होगा. संसद की ओर पारित प्रस्ताव को पाकिस्तान पीपल्स पार्टी की सांसद शहनाज वजीर अली ने पेश किया.

इस प्रस्ताव में कहा गया है कि अमेरिका ने स्थाई सीट के लिए भारत की दावेदारी का समर्थन कर पाकिस्तान की उपेक्षा की है और संयुक्त राष्ट्र में सुधार से जुड़ी संवेदनशीलताओं का ध्यान नहीं रखा है.

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तस्वीर: cc-by-sa-Patrick Gruban

प्रस्ताव में अमेरिका के फैसले पर भारी निराशा और गंभीर चिंता जताई गई है और कहा गया है कि इससे दक्षिण एशिया में शांति, स्थिरता और सुरक्षा को खतरा पैदा होगा. प्रस्ताव के मुताबिक सुरक्षा परिषद में सुधार बातचीत के जरिए और आम सहमति के जरिए ही लागू किए जाने चाहिए.

कश्मीर के मुद्दे पर सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों को न मानने का आरोप भी भारत पर लगाया गया है. प्रस्ताव में कहा गया है कि कश्मीरी जनता के मूलभूत अधिकारों का हनन किया जा रहा है.

पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने एक बार फिर स्थाई सीट के लिए भारत की दावेदारी पर पाकिस्तान की चिंताओं को दोहराया है. उनका कहना है कि सिर्फ अमेरिका के समर्थन के सहारे भारत को स्थाई सीट नहीं मिल सकती और इसके लिए संयुक्त राष्ट्र में दो तिहाई बहुमत की जरूरत होगी.

कुरैशी के मुताबिक वह सिर्फ विरोध करने के लिए विरोध नहीं कर रहे हैं बल्कि उनके पास वाजिब वजह मौजूद हैं क्योंकि दक्षिण एशिया में शांति और स्थिरता को खतरा पैदा होने की आशंका है.

रिपोर्ट: एजेंसियां/एस गौड़

संपादन: एमजी

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