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समाज

कुनमिंग से कोलकाता तक चलेगी बुलेट ट्रेन!

प्रभाकर मणि तिवारी
२७ सितम्बर २०१८

भारत व चीन के बीच बुलेट ट्रेन से सफर! यह ख्याल जल्दी ही हकीकत में बदल सकता है.

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Japan Bullet Train
तस्वीर: picture-alliance/Construction/I. Masterton

बेल्ट एंड रोड इनीशिएटिव यानी बीआरआई के मुद्दे पर दोनों देशों के बीच जारी विवाद के बीच अब चीन ने कोलकाता को बुलेट ट्रेन के जरिए यूनान प्रांत की राजधानी और प्रमुख व्यापारिक शहर कुनमिंग से जोड़ने की बात कही है. कोलकाता स्थित चीनी कौंसुल जनरल मा झान्वू ने कहा है कि चीन कुनमिंग व कोलकाता के बीच बुलेट ट्रेन चलाने की योजना पर विचार कर रहा है.

इस रूट पर बुलेट ट्रेन चलाने के मुद्दे पर 2015 में पहली बार चर्चा हुई थी. लेकिन चीनी कौंसुलेट की ओर से इसके जिक्र के बाद अब यह मुद्दा एक बार फिर सुर्खियों में है. वैसे, कोलकाता से कुनमिंग के बीच सीधी उड़ान भी है. 

बुलेट ट्रेन का विचार 

कोलकाता में हाल में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान चीनी कौंसुल जनरल झान्वू का कहना था कि दोनों देशों के साझा प्रयासों से इन दोनों शहरों यानी कुनमिंग व कोलकाता के बीच एक तेज गति वाले रेलवे लिंक की स्थापना की जा सकती है. झान्वू कहते हैं, "अगर यह रेलवे लिंक हकीकत में बदला तो कोलकाता से कुछ ही घंटों में कुनमिंग तक पहुंचा जा सकता है. इन दोनों शहरों के बीच की दूरी 2800 किलोमीटर है."

Bullet Train zwischen Indien und China
तस्वीर: DW/PM Tewari

चीनी कौंसुल जनरल का कहना है कि इस परियोजना से दो पड़ोसी देशों, म्यांमार व बांग्लादेश को भी फायदा होगा. इस रूट पर कई उद्योग स्थापित हो सकते हैं. वह कहते हैं कि कोलकाता से कुनमिंग के बीच 2800 किलोमीटर लंबी उक्त परियोजना में शामिल देशों के आर्थिक विकास की संभावना भी कई गुनी बढ़ जाएगी.

झान्वू के मुताबिक इस परियोजना का मकसद बांग्लादेश, चीन, भारत व म्यांमार के बीच व्यापारिक गतिविधियों को बढ़ावा देना है. उन्होंने कहा कि चीन कुनमिंग से कोलकाता के बीच संपर्क बढ़ाने के लिए पुराने सिल्क रूट को भी दोबारा शुरू करने का प्रयास कर रहा है. झान्वू के मुताबिक तेज गति वाली उक्त रेलवे लिंक का मकसद आपसी विचार-विमर्श के जरिए साझा फायदों व विकास को बढ़ावा देना है. चीनी कौंसुल जनरल कहते हैं, "मौजूदा दौर में पूरी दुनिया में परिदृश्य बदल रहा है. अब अफ्रीका में भी बुलेट ट्रेनें चल रही हैं. कुछ साल पहले तक इस बात की कल्पना तक करना संभव नहीं था."

पुराना है व्यापारिक रिश्ता 

कुनमिंग से कोलकाता के व्यापारिक रिश्ते काफी पुराने रहे हैं और पहले भी रेलवे लिंक का मुद्दा उठता रहा है. कई भारतीय व्यापारी कुनमिंग में रहते हैं. गुजरात, महाराष्ट्र, हरियाणा, आंध्र प्रदेश और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भी निवेश आकर्षित करने के लिए हाल के वर्षों में चीन का दौरा कर चुके हैं. लेकिन बंगाल के साथ चीन के रिश्ते काफी पुराने हैं.

हाल के वर्षों में चीन ने इन संबंधों को और मजबूत करने में दिलचस्पी दिखाई है. इस साल की शुरुआत में बंगाल वैश्विक व्यापार सम्मेलन में चीन की 30 कंपनियों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया था. उसके बाद एक और व्यापारिक प्रतनिधिमंडल ने यहां मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मुलाकात की थी. चीन ने ममता बनर्जी को भी अपने देश का दौरा करने का न्योता दिया है. ममता को बीते साल ही वहां जाना था. लेकिन आखिरी मौके पर उन्होंने अपना दौरा रद्द कर दिया था. बीते लगभग दो दशकों से बांग्लादेश-चीन-भारत-म्यांमार (बीसीआईएम) कॉरीडोर के सिलसिले में पश्चिम बंगाल और चीन के आपसी रिश्तों को मजबूत करने का प्रयास चल रहा है.

ध्यान रहे कि बीसीआईएम कॉरीडोर के सिलसिले में संयुक्त अध्ययन समूह की पहली बैठक 2013 में चीन और दूसरी बैठक 2014 में बांग्लादेश की राजधानी ढाका में हुई थी. इस समूह की तीसरी बैठक बीते साल अप्रैल में कोलकाता में आयोजित की गई थी. उस बैठक में चीनी प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करने वाले चीन के राष्ट्रीय विकास व सुधार आयोग के उपाध्यक्ष वांग शिआटाओ ने कहा था कि उक्त कॉरीडोर की प्रगति के लिए अंतर-सरकारी सहयोग तंत्र बना कर उसे क्षेत्रीय सहयोग तंत्र में विकसित करना जरूरी है.

झान्वू इस बारे में कहते हैं, "प्रस्तावित बुलेट ट्रेन परियोजना से बीसीआईएम कॉरीडोर में उद्योगों की स्थापना को बढ़ावा मिलेगा और आर्थिक विकास की संभावनाएं तेज हो जाएंगी." उनका कहना है कि कुनमिंग से कोलकाता के बीच कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए चीन पुराने सिल्क रूट को दोबारा शुरू करने का प्रयास कर रहा है. सिल्क रूट खुले व्यापार व साझा विकास की मिसाल है. इसी के जरिए बौद्ध धर्म चीन तक पहुंचा था.

व्यापारियों में खुशी 

कोलकाता से कुनमिंग तक प्रस्तावित बुलेट ट्रेन परियोजना का स्थानीय व्यापारियों ने स्वागत किया है. उनका कहना है कि हालांकि अभी यह परियोजना महज एक विचार है. लेकिन अगर यह हकीकत में बदले, तो इस कॉरीडोर की तस्वीर बदल सकती है. चीन से आयात-निर्यात के कोबार से जुड़े एक व्यापारी सुरेश कुमार सिंघल कहते हैं, "यहां से कुनमिंग तक सीधी उड़ान है. लेकिन बुलेट ट्रेन परियोजना अगर लागू हो गई तो दोनों देशों के बीच व्यापार तो कई गुना बढ़ेगा ही, लोगों को आवाजाही में भी सहूलियत हो जाएगी. इससे म्यांमार जैसे पड़ोसी देशों के साथ भी व्यापार की नई राहें खुलेंगी."

बेल्ट एंड रोड इनीशिएटिव परियोजना पर जारी विवाद और मतभेदों को ध्यान में रखते हुए अभी प्रस्तावित बुलेट ट्रेन की राह में कई बाधाएं हैं. हालांकि चीनी कौंसुल जनरल दावा करते हैं, "चीन के बहुचर्चित बेल्ट एंड रोड (बीआरआई) प्रोजेक्ट का मकसद दुनिया या अपने पड़ोसियों पर विजय हासिल करना नहीं है. इसका मकसद आपसी विचार-विमर्श के जरिए साझा फायदे व विकास हासिल करना है.

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