ब्रिटेन में 1.37 लाख महिलाओं का खतना
महिला खतना की जब भी बात होती है, तो दिमाग में अफ्रीका की ही तस्वीर उभरती है. लेकिन ब्रिटेन जैसे देश में एक महिला को इसका दोषी करार दिए जाने से पता चलता है कि यह समस्या पश्चिमी देशों में भी घर कर रही है.
बेटी का खतना
ब्रिटेन में 30 साल पहले महिला खतना को बैन कर दिया गया था. लेकिन जनवरी 2019 में वहां एक महिला को अपनी बेटी का खतना कराने का दोषी पाया गया, जिसे 14 साल तक की सजा हो सकती है.
लाखों महिला बनीं शिकार
पुलिस के मुताबिक इस मामले से पता चलता है कि ब्रिटेन में महिलाओं का खतना हो रहा है. अनुमान है कि इंग्लैंड और वेल्स में ऐसी महिलाओं की संख्या 1.37 लाख है जिनका खतना किया गया.
मंडराता खतरा
लंदन की सिटी यूनिवर्सिटी ने 2015 में एक रिपोर्ट तैयार की थी, जिसमें कहा गया कि कि कड़ी निगरानी और सख्त कानूनों के बावजूद लगभग 60 हजार लड़कियों पर खतना का खतरा मंडरा रहा है.
प्रवासी समुदाय प्रभावित
महिला खतना के मामले उन समुदायों में ही देखने को मिल रहे हैं जो अफ्रीका और मध्य पूर्व के देशों से जाकर ब्रिटेन में बसे हैं. इनमें खास कर सोमालिया, सिएरा लियोन, सूडान, मिस्र और नाइजीरिया से आए लोग शामिल हैं.
महिला खतना क्या है
महिला खतना को अफ्रीका के कुछ देशों के अलावा दक्षिण एशिया के कुछ समुदायों में भी प्रचलित है. इसे अंग्रेजी में फीमेल जेनिटल म्यूटेशन कहते हैं. इसमें योनि के क्लिटोरिस के एक हिस्से को रेजर या ब्लेड से काट दिया जाता है.
चार तरीके
विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, खतने के इस समय चार तरीके प्रचलित हैं. क्लिटोरिस के पूरे हिस्से को काट देना, कुछ हिस्सा काटना, योनि की सिलाई या अवच्छेदन.
अमानवीय प्रथा
इस दर्दनाक और अमानवीय प्रथा से कई बार यौन संक्रमण संबंधी बीमारियां हो सकती हैं. इसके अलावा खतना कराने वाली महिलाओं में मानसिक पीड़ा का असर सारी उम्र रहता ही है.
क्यों होता है खतना
इस परंपरा के मुताबिक, महिला को शारीरिक संबंध का आनंद लेने का अधिकार नहीं है. यदि उसका खतना होता है तो वह अपने पति के प्रति वफादार रहेगी और घर के बाहर नहीं जाएगी.
दो साल में दस हजार मामले
ब्रिटेन में 2016 से 2018 के बीच महिला खतना के 9,886 मामले दर्ज किए गए. इनमें से लगभग सभी का खतना ब्रिटेन आने से पहले किया गया था.
प्रतिबंध
ब्रिटेन में 1985 से ही महिला खतना पर प्रतिबंध है. लेकिन इस कानून के तहत अभी सिर्फ तीन ही मुकदमे चलाए गए हैं. 2003 में बच्चियों को खतने के लिए विदेश ले जाने को भी अपराध घोषित कर दिया गया.
सजा का प्रावधान
ब्रिटेन में महिला खतना का दोषी पाए जाने पर 14 साल की सजा का प्रावधान है. वहां बच्चों के लिए काम करने वाली एक संस्था की हेल्पलाइन पर 2013 से अब तक 2,100 लोगों ने मदद मांगी.
एयरपोर्टों पर अभियान
इसे रोकने के लिए ब्रिटेन की पुलिस एयरपोर्टों पर खास अभियान चलाती है. खास तौर पर बच्चों की गर्मियों की छुट्टियों में उन्हें खतने के लिए विदेश ले जाया जाता है. पुलिस पर कड़ी नजर रखती है.