ब्रिटेन: क्लेग और कैमरन मिले, समझौते के प्रयास
९ मई २०१०दोनों नेताओं के बीच मुलाक़ात क़रीब 70 मिनट तक चली और कंज़रवेटिव पार्टी के प्रवक्ता ने इस बैठक को सकारात्मक और सौहार्दपूर्ण माहौल में हुई बातचीत बताया है. चुनाव नतीजे आने के बाद यह पहली बार है जब कैमरन और क्लेग आमने सामने हुए हैं और दोनों नेता यह परखना चाहते हैं कि क्या वे एक दूसरे के साथ काम कर सकते हैं. अपने समर्थकों को भेजे ईमेल संदेश में डेविड कैमरन ने कहा है कि वह जल्दबाज़ी में कोई समझौता नहीं करना चाहेंगे लेकिन कुछ मुद्दों पर समझौते के लिए मान सकते हैं.
साझा काम की आशा
कैमरन ने कहा है कि ब्रिटेन उम्मीद कर रहा है कि देश की बड़ी मुश्किलों का सामना करने के लिए कंज़रवेटिव और लिबरल आपस में मिल कर काम करेंगे. "मैं नहीं मानता कि भावी सरकार यूरोपीय संघ को ज़्यादा अधिकार देना चाहेगी, इमिग्रेशन के मुद्दे पर कमज़ोर होगी या फिर देश की सुरक्षा को ख़तरे में रखेगी. हम इन मु्द्दों पर मज़बूती से अपने पक्ष के साथ खड़े हैं. लेकिन कुछ मुद्दे हैं जिन पर हम विश्वास का रिश्ता क़ायम करने के लिए फिर विचार कर सकते हैं."
कैमरन ने कहा है कि देश के हित में वह कुछ मुद्दों पर समझौता करने के लिए तैयार हैं. उन्होंने उम्मीद जताई है कि मुश्किलों को जल्द ही सुलझा लिया जाए लेकिन किसी भी समझौते के लिए जल्दबाज़ी नहीं होगी. कंज़रवेटिव और लिबरल डेमोक्रेट्स की टीमों ने शुक्रवार को मुलाक़ात की और रविवार को भी बैठक होने की आशा है.
बहुमत नहीं मिला
6 मई को हुए संसदीय चुनाव में कंज़रवेटिव 306 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है लेकिन बहुमत के आंकड़े (326) से अब भी दूर है. ऐसे में लिबरल डेमोक्रेट्स पार्टी की भूमिका अहम हो गई है जिसके पास 57 सांसद हैं. लेबर पार्टी का प्रदर्शन ख़राब रहा है और उसके सांसदों की संख्या घट कर 258 ही रह गई है. लिबरल डेमोक्रेट्स और कंज़रवेटिव पार्टी की अपेक्षा लेबर और लिबरल डेमोक्रेट्स को कई मुद्दों पर क़रीबी माना जाता है. अगर दोनों पार्टियों के बीच समझौता नहीं होता है तो कैमरन चाहेंगे कि छोटी पार्टियों के साथ मिलकर वह अल्पमत सरकार का गठन करें.
चार मुद्दों पर विचार
लिबरल डेमोक्रेट नेता निक क्लेग ने कहा है कि उनकी पार्टी सकारात्मक रुख़ के साथ बातचीत कर रही है और वह चार प्रमुख मुद्दों पर ध्यान केंद्रित किए हुए हैं. टैक्स सुधार, शिक्षा, अर्थव्यवस्था और मौजूदा राजनीतिक व्यवस्था. चुनाव सुधार भी एक ऐसा मुद्दा है जिस पर कंज़रवेटिव और लिबरल में मतभेद हैं और कंज़रवेटिव वर्तमान चुनाव व्यवस्था को बदलने के पक्ष में नहीं दिख रहे हैं.
गॉर्डन ब्राउन अब भी प्रधानमंत्री पद संभाले हुए हैं और उन्होंने लिबरल डेमोक्रेट्स पार्टी से कहा है कि अगर कंज़रवेटिव के साथ उनका गठबंधन परवान नहीं चढ़ता है तो लेबर के दरवाज़े उनके लिए खुले हैं. उन्होंने यह कह कर लिबरल का दिल जीतने की कोशिश की है कि अगर उनकी सरकार बनती है तो वह चुनाव सुधार पर जल्द ही विधेयक लाएंगे.
लिबरल डेमोक्रेट पार्टी ने स्पष्ट किया है कि प्रधानमंत्री गॉर्डन ब्राउन ने शनिवार देर रात निक क्लेग को फ़ोन किया था. ब्राउन और क्लेग के बीच हुई बातचीत को भी सकारात्मक बताया गया है लेकिन इससे ज़्यादा कुछ स्पष्ट नहीं हो पाया है. ब्रिटेन फ़िलहाल राजनीतिक अनिश्चितता के भंवर में फंसा है और डॉलर के मुक़ाबले पाउंड की क़ीमत और गिरी है और 13 महीनों में अपने निम्नतम स्तर तक पहुंच गई है.
रिपोर्ट: एजेंसियां/एस गौड़
संपादन: आभा मोंढे