ब्रिटिश पीएम ने दोहराया आतंक के सामने कभी न झुकने का संकल्प
२३ मार्च २०१७बुधवार शाम को लंदन में ब्रिटिश संसद के पास वेस्टमिंस्टर ब्रिज पर कार में सवार एक हमलावर फुटपाथ पर चल रहे लोगों को कुचलता चला गया. फिर संसद के बाहर पहुंच कर उसने एक पुलिस अधिकारी पर चाकू से हमला किया. 48 वर्षीय पुलिसकर्मी की जान चली गयी लेकिन एक दूसरे पुलिसकर्मी की गोली से हमलावर भी मारा गया.
ब्रिटिश प्रधानमंत्री थेरीजा मे ने हमले के अगले दिन संसद को सामान्य रूप से चलाने की घोषणा करते हुए इस हमले को "बीमार और भ्रष्ट" बताया. एक इमरजेंसी कैबिनेट मीटिंग करने के बाद प्रधानमंत्री ने अपने आवास डाउनिंग स्ट्रीट से ही बयान दिया कि ब्रिटेन में एलर्ट का स्तर पहले जितना ही रखा जाएगा.
प्रधानमंत्री मे ने कहा, "हम सब साथ आगे बढ़ेंगे, आतंक के सामने कभी नहीं झुकेंगे और नफरत और बुराई के शोर को हमें बांटने नहीं देंगे." हमले के समय प्रधानमंत्री भी संसद में ही थीं. जैसे ही गोलियों की आवाजें आईं उन्हें सुरक्षा सेवा वाले एक सिल्वर कार में बाहर निकाल कर ले गये.
के टॉप आतंकवाद-विरोधी अधिकारी मार्क राओली ने बताया है कि पुलिसकर्मी के अलावा तीन आम लोगों की जान चली गयी है. उन्होंने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि यह हमला उन्हें "इस्लामिक आतंक" का हिस्सा लगता है. राओली ने बताया कि हमलावर की पहचान पता चल चुकी है और पुलिस जांच को आगे बढ़ा रही है. पुलिस ने बर्मिंघम शहर में एक जगह छापा भी डाला है.
ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ द्वितीय ने गुरुवार को अपना एक कार्यक्रम रद्द कर दिया. उन्हें लंदन मेट्रोपॉलिटन पुलिस के नए मुख्यालय के उद्घाटन में शामिल होना था. हमले के बाद संसद को कई घंटों तक बंद रखा गया और बाद में सासंदों को धीरे धीरे वहां से सुरक्षित निकाला गया था.
ब्रिटेन के सहयोगी देशों ने इस संकट की घड़ी में आतंक के खिलाफ लंदन के साथ खड़े होने की बात कही है. अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप और फ्रेंच राष्ट्रपति फ्रांसोआ ओलांद ने थेरीजा मे से बात की. जर्मन चांसलर अंगेला मैर्केल ने कहा कि जर्मनी "आतंक के किसी भी रूप के खिलाफ" ब्रिटेन के साथ खड़ा है. भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी आतंक के खिलाफ ब्रिटेन का साथ देने की बात कही है.
लंदन का हमला ब्रसेल्स आतंकी हमले की पहली वर्षगांठ के दिन हुआ है. ब्रसेल्स में इस्लामिक स्टेट के जिहादी हमले में 32 लोग मारे गए थे. उसके पहले भी यूरोप में कई जगहों पर हुए हमलों की जिम्मेदारी आईएस ने ली थी.
ब्रिटेन में पिछली ऐसी घटना उत्तरी इंग्लैंड में सांसद जो कॉक्स पर एक नाजी-समर्थक के हमले को माना जा सकता है. लेकिन इतना बड़ा हमला 2005 में हुआ था, जब अल-कायदा से प्रभावित चार ब्रिटिश आत्मघाती हमलावरों ने लंदन के ट्रांसपोर्ट सिस्टम को ध्वस्त करने की कोशिश की. इस हमले में 52 लोग मारे गये थे.
हमले में पांच दक्षिण कोरियाई पर्यटक और दो रोमानिया के पर्यटक भी घायल हुए हैं. एक पुर्तगाली नागरिक के भी घायल होने की सूचना है.
आरपी/एमजे (एएफपी)