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"ब्राजील में विश्वकप कराना गलती"

१८ जुलाई २०१३

पूरी दुनिया भले ही फुटबॉल के सिरमौर ब्राजील में विश्वकप का इंतजार कर रही हो लेकिन फीफा अध्यक्ष को शक हो रहा है कि कहीं ब्राजील में टूर्नामेंट कराना कहीं गलत फैसला तो नहीं होगा.

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तस्वीर: Reuters

सेप ब्लाटर का कहना है कि अगर प्रतियोगिताएं प्रदर्शनों से बुरी तरह प्रभावित हुईं, तो हो सकता है कि हमारा यह फैसला गलत साबित हो. पिछले महीने कंफेडरेशन कप के दौरान ब्राजील में प्रदर्शनकारियों ने काफी हंगामा किया था.

इस कप को विश्वकप का वॉर्म अप टूर्नामेंट कहते हैं. इस दौरान ब्राजील के लोगों ने सामाजिक और राजनीतिक स्तर पर बदलाव की मांग को लेकर काफी प्रदर्शन किया और कुछ जगहों पर हिंसा भी हुई. उन लोगों ने विश्वकप आयोजित करने के लिए भारी भरकम खर्चे का भी विरोध किया.

Brasilien Bildung Proteste
पूरे देश में फैला छात्रों का प्रदर्शनतस्वीर: Y.Chiba/AFP/GettyImages

जर्मन समाचार एजेंसी डीपीए को दिए इंटरव्यू में ब्लाटर ने कहा, "अगर ऐसा दोबारा हुआ, तो हम खुद से सवाल करेंगे कि क्या हमारा फैसला सही था कि ब्राजील को मेजबानी दी जाए." कंफेडरेशन कप के दौरान ब्लाटर ने ब्राजीली अधिकारियों से बातचीत की और इस मुद्दे पर वह राष्ट्रपति डिल्मा राउसेफ से सितंबर में दोबारा चर्चा करने वाले हैं.

ब्लाटर का कहना है, "हमने राजनीतिक मामले पर बातचीत नहीं की लेकिन हमने इस बात पर जोर दिया कि पूरे टूर्नामेंट के दौरान वहां सामाजिक अस्थिरता रही. अब सरकार को पता है कि अगले साल विश्वकप में किसी तरह की रुकावट नहीं आनी चाहिए."

फीफा अध्यक्ष का कहना है, "मैं समझता हूं कि ये प्रदर्शन सरकार, सीनेट और संसद के लिए खतरे की घंटी रही होंगी. वे जरूर कोशिश करेंगे कि ऐसा दोबारा न हो. हालांकि अगर अहिंसक तरीके से प्रदर्शन हो तो यह लोकतंत्र का हिस्सा है और इसलिए उसे स्वीकार किया जाना चाहिए. हमने इस बात को राष्ट्रपति और सरकार को समझा दिया है और उनके लिए काम करने को अभी पूरा एक साल बाकी है."

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ब्राजीली राष्ट्रपति के साथ ब्लाटरतस्वीर: Getty Images

ब्राजील में 12 जून 2014 से विश्वकप फुटबॉल शुरू होना है. हालांकि कंफेडरेशन कप मेजबान ब्राजील ने ही जीता, लेकिन वहां की जनता इस पर खर्चे को लेकर नाराज थी. उनका कहना है कि सरकार ऐसे आयोजनों पर अरबों डॉलर खर्च कर रही है और उनके स्कूलों और अस्पतालों में पूरी सुविधा नहीं है.

इन प्रदर्शनों के साथ ब्राजील में होने वाले 2016 ओलंपिक पर भी संकट के बादल छाने लगे हैं. प्रदर्शन कॉलेज के छात्रों ने शुरू किया लेकिन बाद में यह पूरे देश में फैल गया. ब्रासीलिया, रियो डी जनेरो, सल्वाडोर, फोर्तालेजा और बेलो होरिजोंटे में भी लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया.

ब्लाटर ने कड़े शब्दों में कहा, "इन प्रदर्शनों से हमें कोई सीख लेने की जरूरत नहीं है. यह काम ब्राजील की राजनीति का है."

एजेए/ओजेए

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