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बॉर्डर पर होगी ऐतिहासिक मुलाकात

२९ मार्च २०१८

बड़े नेता अक्सर राजधानी में मिलते रहते हैं लेकिन उत्तर कोरिया के शासक किम जोंग उन और दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति मून जे इन एक गांव में मिलेंगे. 27 अप्रैल को बॉर्डर पर यह ऐतिहासिक मिलन होगा.

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Südkorea Nordkorea Gespräche in Panmunjom
तस्वीर: Reuters/Korea Pool

दक्षिण कोरिया ने एलान किया है कि राष्ट्रपति मून जे इन 27 अप्रैल को उत्तर कोरिया के शासक किम जोंग उन से मिलेंगे. दोनों देशों के बीच इस दुर्लभ मुलाकात को लेकर सहमति बनी है. उत्तर कोरिया के परमाणु कार्यक्रम के चलते पिछले 10 साल से दोनों देशों के बीच तनाव चरम पर था.

दोनों देशों के अधिकारी सीमा पर बसे गांव पानमुनजोम में मिले. इस मुलाकात के बाद ही सर्वोच्च नेताओं की मुलाकात का एलान किया गया. मुलाकात का प्रोटोकॉल, सुरक्षा और मीडिया कवरेज की प्रक्रिया तय करने के लिए दोनों पक्षों के अधिकारी चार अप्रैल को फिर से मिलेंगे. दोनों देशों ने संयुक्त रूप से बयान जारी कर यह जानकारी दी है.

1950-53 के कोरिया युद्ध के बाद से अब तक उत्तर और दक्षिण कोरिया के नेता सिर्फ दो बार मिले हैं. पहली बार ऐसी मुलाकात सन 2000 में हुई और दूसरी बार 2007 में. 1945 में द्वितीय विश्वयुद्ध खत्म होने के साथ ही कोरियाई प्रायद्वीप दो हिस्सों में बंट गया. दक्षिण कोरिया अमेरिकी प्रभाव वाला इलाका था और उत्तर सोवियत प्रभाव वाला इलाका. 1948 में उत्तर कोरिया और दक्षिण कोरिया के रूप में दो अलग अलग देशों की स्थापना हुई. तब से ही कोरिया विवाद जारी है. 1950 में उत्तर कोरिया ने दक्षिण कोरिया पर हमला किया, तीन साल तक चली इस जंग ने दोनों देशों के रिश्तों पर गहरी चोट पहुंचाई.

हालांकि दोनों देशों में आज भी ऐसे हजारों लोग हैं जो कोरिया के एकीकरण का सपना देखते हैं. दक्षिण कोरिया की सरकार में एकीकरण मंत्रालय भी है. किम और मून की मुलाकात की जानकारी देते हुए दक्षिण कोरिया के एकीकरण मंत्री चो म्योउंग-ग्योन ने कहा, "दोनों पक्ष सम्मेलन को ईमानदार और हार्दिक बनाने का रास्ता तैयार कर रहे हैं. दोनों पक्ष कोरियाई प्रायद्वीप के परमाणु निरस्त्रीकरण के मुद्दे पर ध्यान देंगे, शांति बहाली और दक्षिण व उत्तर के बीच संबंधों के विकास पर भी बातचीत की जाएगी."

उत्तर कोरिया के प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करने वाले री सोन ग्वोन के मुताबिक, सम्मेलन से "उनके पूरे देश की कोरियाई प्रायद्वीप में शांति की उम्मीदें प्रबल होंगी." उत्तर कोरियाई अधिकारी ने कहा कि दोनों देश नेताओं के बीच ऐतिहासिक मुलाकात को बेहतरीन बनाने के लिए हर मुमकिन कोशिश कर रहे हैं.

इस मुलाकात का एलान उत्तर कोरियाई शासक किम जोंग उन की चीन यात्रा के फौरन बाद किया गया है. अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप से मुलाकात करने से पहले पिछले हफ्ते किम बड़े खुफिया ढंग से चीन पहुंचे. दो दिन तक उनकी यात्रा की किसी ने पुष्टि नहीं की. लेकिन बाद में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ किम की तस्वीरें सामने आईं. कूटनीति पर नजर रखने वाले विशेषज्ञों को लगता है कि किम, बीजिंग, वॉशिंगटन, सियोल, मॉस्को और टोक्यो से द्विपक्षीय बातचीत करते हुए अपने खिलाफ एक साथ खड़े देशों की राय बदलना चाहता है.

एक के बाद एक परमाणु और मिसाइल परीक्षण करने के बाद उत्तर कोरिया ने अचानक शांति का सुर अपनाया है. दक्षिण कोरिया के प्योंगचांग में हुए शीतकालीन ओलंपिक में अपनी टीम भेजकर और दक्षिण कोरिया के साथ संयुक्त टीम बनाकर किम ने कूटनीति की दिशा काफी हद तक उलट दी हैं. फरवरी तक लगातार एक दूसरे को धमकियां दे रहे उत्तर कोरिया और अमेरिका अब बातचीत की मेज पर आते दिख रहे हैं. दक्षिण कोरिया भी नर्म हो चुका है. जापान को यह स्थिति अहसज कर रही है. जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे को लगता है कि उत्तर कोरिया अपने खिलाफ खड़े देशों की एकता में दरार डालना चाह रहा है.

ओएसजे/एमजे (एपी)