1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें
समाज

बेटी के हाथों विदा हुए वाजपेयी

१७ अगस्त २०१८

स्मृति स्थल पर अटल बिहारी वाजपेयी का पार्थिव शरीर था. बेटी नमिता के हाथ में अग्नि. रिमझिम बारिश हो रही थी, मानो प्रकृति भी अपने बेटे के लिए शोकाकुल हो.

https://p.dw.com/p/33JHE
Indien Trauer - Beerdigung des Ex-Regierungschefs Vajpayee
तस्वीर: Getty Images/AFP/P. Singh

दिल्ली में यमुना नदी के तट पर बने स्मृति स्थल में शुक्रवार शाम अटल बिहारी वाजपेयी का शरीर पंचतत्व में विलीन हो गया. तमाम रुढ़ियों को दरकिनार करते हुए वाजपेयी की दत्तक पुत्री नमिता ने अपने पिता को मुखाग्नि दी. सेना की सशस्त्र सलामी और आंसुओं की धार के बीच वाजपेयी का पार्थिव शरीर अग्नि के साथ पंचत्व में विलीन हो गया.

इससे पहले शुक्रवार दोपहर एक बजे बीजेपी के मुख्यालय से उनकी अंतिम यात्रा शुरू हुई. इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत कई नेता स्मृति स्थल तक उनके पार्थिव शरीर के साथ रहे. स्मृति स्थल में मोदी के साथ भारत के राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी समेत सभी राजनीतिक पार्टियों के नेता मौजूद रहे. इस दौरान नरेंद्र मोदी और लालकृष्ण आडवाणी की आंखें भर आईं.

Indien Trauer - Beerdigung des Ex-Regierungschefs Vajpayee
चिता के सामने वाजपेयी का परिवारतस्वीर: picture alliance/AP Photo/M. Swarup

अंतिम संस्कार में भूटान के राजा, अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति, नेपाल, बांग्लादेश और श्रीलंका के विदेश मंत्री भी मौजूद रहे.

तीन बार भारत के प्रधानमंत्री बने अटल बिहारी वाजपेयी का 16 अगस्त 2018 को लंबी बीमारी के बाद नई दिल्ली के एम्स अस्पताल में निधन हो गया. 93 साल के वाजपेयी लंबे समय से अस्वस्थ थे. गुरुवार शाम पांच बजकर पांच मिनट पर उनके निधन के बाद वाजपेयी के शरीर को उन्हीं के निवास पर रखा गया था. 2005 में राजनीति से संन्यास लेने के बाद पूर्व प्रधानमंत्री दिल्ली के छह कृष्णा मेनन मार्ग में रह रहे थे.

(कैसे एक नेता से महानायक बने वाजपेयी)

ओएसजे/एनआर (एएफपी, एपी, रॉयटर्स)