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बुलंदशहर गैंगरेप: मायावती ने मांगा अखिलेश से इस्तीफा

ओएसजे/वीके (पीटीआई)१ अगस्त २०१६

बुलंदशहर गैंगरेप के तीन आरोपी गिरफ्तार किये गए. नेशनल हाईवे पर हुई सामूहिक बलात्कार और लूट की वारदात ने यूपी में सड़ चुकी कानून व्यवस्था पोल खोली है.

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तस्वीर: AP

उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने राज्य के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से इस्तीफा मांगा है. मायावती ने कहा कि "अगर आपसे उत्तर प्रदेश नहीं संभल रहा है तो नैतिक आधार पर मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दीजिए."

शुक्रवार को दिल्ली से करीब 65 किलोमीटर दूर बुलंदशहर के पास सामूहिक बलात्कार की झकझोर देने वाली वारदात हुई. नोएडा से देर रात शाहजहांपुर के लिए निकले एक परिवार की कार पर लोहे की रॉड से हमला किया गया. दिल्ली-कानपुर हाइवे पर गाड़ी रुकने के बाद दर्जन भर लुटेरे बंदूक की नोक पर परिवार को एक सुनसान जगह पर ले गए. वहां 35 साल की महिला और उसकी 14 साल की बच्ची से सामूहिक बलात्कार किया गया.

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ऐसा तीन घंटे तक जारी रहा. घटनास्थल पुलिस चौकी से मात्र 100 मीटर दूर था. इसके बावजूद उत्तर प्रदेश पुलिस सुबह 5:30 बजे वहां पहुंची. पुलिस पर गंभीर कोताही के आरोप हैं. सूबे के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने जिले के सात आला पुलिस अधिकारियों समेत कई पुलिसकर्मियों को निलंबित किया है. सरकार ने पुलिस को 24 घंटे के भीतर केस सुलझाने का आदेश भी दिया. अब तक तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है. मुख्य आरोपी अब भी फरार है.

यूपी पुलिस के डीआईजी जावेद अहमद के मुताबिक, "पीड़ितों ने फरीदाबाद निवासी बबलू चंद बावरिया को पहचान लिया है. एक और आरोपी नरेश सिंह पंजाब के बठिंडा का है. तीसरा रईस अहमद घटनास्थल के पास बसे गांव सुतारी का है. तीन में से एक का आपराधिक रिकॉर्ड रहा है और वह जेल में कुछ समय बिता चुका है." पुलिस की 15 टीमें मामले की जांच में लगी हैं.

उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था की दुर्दशा किसी से छिपी नहीं हैं. मेरठ, इटावा, मैनपुरी, गाजियाबाद, बुलंदशहर समेत कई जिले अपराधों के लिए बदनाम हैं. प्रदेश में 2017 में विधानसभा चुनाव होने हैं. इस घटना ने विपक्षी दलों को भी चुनावी मुद्दा दे दिया है. उत्तर प्रदेश में कांग्रेस की तरफ से मुख्यमंत्री पद की दावेदार शीला दीक्षित ने कहा, "मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने जो किया है, उसे किनारे रखिये. यह घटना बेहद दुखद, शर्मनाक और निर्मम है, अगर ऐसे मामलों में पुलिस मदद न करे तो इससे पता चलता है कि यूपी में कानून व्यवस्था की हालत कितनी खराब है और राज्य में लोग सुरक्षित महसूस नहीं करते हैं." बीजेपी ने इसे राज्य में फैले गुंडाराज की बानगी करार दिया है.