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समाज

चप्पल पहन कर देनी होगी मैट्रिक की परीक्षा

१९ फ़रवरी २०१८

परीक्षा हॉल में बस्ता या खाने का सामान ले जाने की अनुमति नहीं होती. लेकिन जूते और जुराब ले जाने पर भी मनाही? बिहार में ऐसा ही हो रहा है.

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Symbolbild Klischee-Deutscher Socken in Sandalen
तस्वीर: picture alliance/dpa Themendienst

विद्यालय परीक्षा समिति (बीएसईबी) द्वारा आयोजित 10वीं की परीक्षा में इस साल परीक्षार्थी जूता-मोजा पहनकर नहीं आ सकेंगे. बीएसईबी द्वारा निर्देश दिया गया है कि परीक्षा भवन में उन्हीं परीक्षार्थियों को प्रवेश करने दिया जाएगा जो चप्पल पहनकर आएंगे. बिहार बोर्ड के अध्यक्ष आनंद किशोर ने समाचार एजेंसी आईएनएस को बताया, "इस साल परीक्षार्थियों को जूता और जुराब पहनकर परीक्षा केंद्र में प्रवेश की इजाजत नहीं होगी. परीक्षार्थियों को चप्पल पहनकर ही आना होगा. इसके लिए संबंधित जिले के सभी शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिया गया है."

किशोर ने आगे कहा, "अगर कोई परीक्षार्थी जूता-मोजा पहनकर आएगा तो उसे परीक्षाहॉल के बाहर ही उतरवा लिया जाएगा. परीक्षा हॉल में परीक्षार्थी को सिर्फ एडमिट कॉर्ड और पेन व पेंसिल ही ले जाने की अनुमति होगी. प्रवेश द्वार पर ही सभी परीक्षार्थियों की गहन जांच की जाएगी." उन्होंने कहा कि इससे पहले भी विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में भी ऐसा निर्देश दिया जाता रहा है और अब इसे मैट्रिक परीक्षा में भी लागू करने का निर्णय लिया गया है.

इस साल 21 फरवरी से 28 फरवरी तक आयोजित होने वाली मैट्रिक की परीक्षा में 17.68 लाख परीक्षार्थी शामिल होंगे. इन परीक्षार्थियों के लिए 1426 परीक्षा केंद्र बनाए गए हैं. बीएसईबी का दावा है कि परीक्षा को कदाचारमुक्त संपन्न कराने के लिए पूरी व्यवस्था की जा रही है.

आईएएनएस/आईबी