1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

बिनायक सेन ने की हाईकोर्ट में अपील

६ जनवरी २०११

समाजिक कार्यकर्ता बिनायक सेन ने आजीवन कारावास की सजा के फैसले को छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में चुनौती दी है. उन्हें माओवादियों का साथ देने और देशद्रोह के आरोप मे सजा दी गई.

https://p.dw.com/p/zuKo
तस्वीर: DW

उनको माओवादियों से संबंध रखने का आरोपी ठहराते हुए निचली अदालत ने आजीवन कारावास की सजा बुधवार को सुनाई थी. सेन के वकील महेन्द्र दुबे ने गुरुवार को इस बारे में हाईकोर्ट में अपील दर्ज की. दुबे ने कहा कि निचली अदालत के फैसले को बारीकी से देखा जाए तो सेन का कोई अपराध सिद्ध नहीं होता है और उन्हें संदेह का लाभ मिलना चाहिए. दुबे का मानना है कि सेन के बचाव में दिए गए सारे तर्कों को निचली अदालत ने तवज्जो नहीं दी. निचली अदालत में सुनवाई तय प्रक्रिया के तहत नहीं हुई और न ही अदालत ने सेन के पक्ष में दिए गए सबूतों को अस्वीकार करने का कारण बताया.

सेन की सजा के खिलाफ देश के बाहर से भी कई मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने तीखी प्रतिक्रिया दी है.

सेन को 14 मई 2007 को बिलासपुर से माओवादियों से संबंध रखने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था जिसके बाद वह दो साल जेल में रहे और 2010 मई में उन्हें सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिली थी.

रिपोर्टः पीटीआई/आभा एम

संपादनः ए कुमार