बिना सिगरेट के खुश हैं पब वाले
२८ मार्च २०१४पब में शराब के साथ लोग अकसर सिगरेट भी पीना पसंद करते हैं. पर कई देशों में इस पर रोक लग चुकी है. आयरलैंड में तो ऐसा हुए एक दशक बीत चुका है. पब मालिक क्रिस्टी रुआने को भी नुकसान होने का डर था, जब 29 मार्च 2004 को आयरलैंड धूम्रपान पर प्रतिबंध लगाने वाला पहला देश बना.
इसमें न केवल ऑफिसों और काम करने की जगह पर सिगरेट पीने पर रोक लगाई गई, बल्कि पब और रेस्तरां में भी इसे रोक दिया गया. रुआने जैसे कई लोगों को लगा कि इससे उन्हें काफी नुकसान होगा. रुआने कहते हैं, "हमें ऐसा लगा था कि लोगों को बुरा लगेगा कि वे अब पब में सिगरेट नहीं पी सकते. लेकिन बाद में सब बढ़िया ही हुआ. अब तो मुझे भी नहीं लगता कि पब में सिगरेट फिर से शुरू कर देनी चाहिए. सुबह उठ कर जब आप फ्रेश कपड़े पहनते हैं, तो अब उनसे सिगरेट की बदबू नहीं आती. "
गैलवे के सिटी सेंटर में किंग्स हेड नाम के पब के बार मैनेजर स्टीफन मर्फी ने एएफपी को बताया कि सिगरेट पर रोक लगाने का कर्मचारियों और उनके ग्राहकों पर अच्छा असर पड़ा, "ऐसा भी समय था जब सिगरेट पर बैन का असर पड़ा लेकिन जल्द ही और लोग आने लगे."
आयरलैंड के बाद कई और देशों ने सिगरेट पीने पर रोक लगाई ताकि तंबाकू से होने वाली बीमारियों से बचा जा सके.
10 साल पहले जब प्रतिबंध की घोषणा की गई तो उसका उद्देश्य पैसिव स्मोकिंग से परेशान लोगों को राहत देना था. लेकिन इसका एक अच्छा असर यह भी हुआ कि सिगरेट पीने वालों की संख्या भी थोड़ी कम हो गई.
2013 में जहां मार्च के महीने में 29 फीसदी लोग सिगरेट पीते थे वहीं इस साल यह आंकड़ा साढ़े इक्कीस फीसदी है. हालांकि यूरोप में आर्थिक सहयोग और विकास के लिए काम करने वाले संस्थान आयरलैंड के स्वास्थ्य सेवा कार्यकारी डेव मोलोय का कहना है, "हमारे यहां अभी भी सिगरेट पीने वाले साढ़े सात लाख लोग हैं. और अभी भी पांच हजार से ज्यादा लोग हैं जो तंबाकू के सेवन से होने वाली बीमारियों से मरते हैं. "
एएम/आईबी (एएफपी)