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बिन लादेन की मौत को सही मानते हैं दुनिया भर के लोग

८ जून २०११

दुनिया के बहुत से लोग अमेरिकी सैन्य अभियान में अल कायदा नेता ओसामा बिन लादेन की मौत को सही मानते हैं. 22 देशों में हुए एक सर्वे में तीन चौथाई लोग मानते हैं कि 11 सितंबर के हमलों के जिम्मेदार बिन लादेन का मरना जरूरी था.

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तस्वीर: AP

इप्सोस नाम का यह सर्वे पाकिस्तानी शहर एबटाबाद में 2 मई को बिन लादेन की मौत के एक हफ्ते बाद कराया गया जिसमें 17 हजार लोगों ने हिस्सा लिया. सर्वे में सिर्फ 11 प्रतिशत लोगों ने कहा कि वे अब खुद को ज्यादा सुरक्षित महसूस करते हैं. इप्सोस ग्लोबल पब्लिक अफेयर्स के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डैरेल ब्रिकर कहते हैं, "हैरानी वाली बात यह है कि हर देश में ज्यादातर लोग मानते हैं कि अमेरिका की यह कार्रवाई सही थी."

बिन लादेन की मौत के हक में

Al-Kaida-Führer Osama bin Laden
तस्वीर: picture-alliance/dpa

बिन लादेन की मौत को सही ठहराने वालों में उन देशों के लोगों की संख्या कहीं ज्यादा हैं जिनके सैनिक अफगानिस्तान में अंतरराष्ट्रीय सेना आईसैफ के तहत तालिबान से लड़ रहे हैं. इनमें अमेरिका में 95 प्रतिशत, फ्रांस और ब्रिटेन में 87 प्रतिशत और ऑस्ट्रेलिया, बेल्जियम और कनाडा में 85 प्रतिशत लोग बिन लादेन की मौत को उचित कदम मानते हैं. इसके बाद आईसैफ के दूसरे सदस्यों पोलैंड (83 प्रतिशत), इटली (81 प्रतिशत), हंगरी (79 प्रतिशत), जर्मनी (76 प्रतिशत), स्वीडन (71 प्रतिशत), तुर्की (71 प्रतिशत) और स्पेन (70) का नंबर आता है.

आईसैफ सेना के सदस्य दक्षिण कोरिया और जापान में 63 प्रतिशत लोगों ने अमेरिकी कार्रवाई का समर्थन किया है. बाकी देशों में भारत में 95 प्रतिशत, ब्राजील में 77 प्रतिशत, दक्षिण अफ्रीका में 76 प्रतिशत और रूस में 75 प्रतिशत लोगों ने बिन लादेन को मारे जाने को सही करार दिया है. मैक्सिको में दो तिहाई लोग बिन लादेन की मौत को ठीक मानते हैं, जबकि दुनिया में सबसे ज्यादा मुस्लिम आबादी वाले देश इंडोनेशिया में ऐसे लोगों की संख्या 54 प्रतिशत और अर्जेंटीना में 45 प्रतिशत है. सर्वे में मध्यपूर्व के किसी भी देश को शामिल नहीं किया गया.

खत्म नहीं हुआ है आतंकवाद

अमेरिका में 11 सितंबर 2001 को हुए आतंकवादी हमलों के लगभग दस साल बाद बिन लादेन को मारा गया. 9/11 के हमलों में अगवा किए गए विमानों से न्यूयॉर्क के वर्ल्ड ट्रेड सेंटर और अमेरिकी रक्षा मंत्रालय के दफ्तर पेंटागन को निशाना बनाया गया. इन हमलों में लगभग तीन हजार लोग मारे गए.

सर्वे में हिस्सा लेने वाले 15 प्रतिशत लोगों का कहना है कि बिन लादेन की मौत से अल कायदा के हमलों में कमी आएगी जबकि 40 प्रतिशत लोगों का कहना है कि हमलों की संख्या बढ़ेगी. सिर्फ 11 प्रतिशत लोग बिन लादेन की मौत के बाद खुद को सुरक्षित बताते हैं. वहीं 26 प्रतिशत लोग अपने को कम सुरक्षित महसूस करते हैं.

ब्रिकर कहते हैं, "दुनिया के लोग मानते हैं कि एक आदमी के मारे जाने से आतंकवाद खत्म नहीं हो जाता. आतंकवाद ओसामा बिन लादेन से पहले भी था और उसके बाद भी रहेगा." यह सर्वे भारत, अमेरिका, फ्रांस, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया, बेल्जियम, कनाडा, पोलैंड, इटली, हंगरी, ब्राजील, जर्मनी, दक्षिण कोरिया, दक्षिण अफ्रीका, रूस, स्वीडन, तुर्की, स्पेन, मैक्सिको, ब्राजील, जापान, इंडोनेशिया और अर्जेंटीना में कराया गया.

रिपोर्टः एजेंसियां/ए कुमार

संपादनः एमजी