1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

बाबरी मस्जिद कहीं और बनवायी जाएः शिया वक्फ बोर्ड

८ अगस्त २०१७

अयोध्या में बाबरी मस्जिद विवाद के मामले में शिया वक्फ बोर्ड ने कोर्ट में कहा है कि मस्जिद किसी मुस्लिम इलाके में बनवायी जा सकती है.

https://p.dw.com/p/2hsL2
1990 Unruhen vor der Babri-Moschee vor der Zerstörung 1992
तस्वीर: AP

शिया वक्फ बोर्ड का कहना है कि अगर राम मंदिर और बाबरी मस्जिद एक साथ रहे तो विवाद होगा. सुप्रीम कोर्ट इसी महीने की 11 तारीख को इस बारे में अगली सुनवाई करेगी. सुन्नी वक्फ बोर्ड ने यह भी सुझाव रखा है कि सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज और सभी पक्षकार मिल कर इस मामले का एक सर्वमान्य हल निकालें. इसमें प्रधानमंत्री कार्यालय और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के कार्यालय से नामांकित लोग भी शामिल हो सकते हैं.

बीजेपी के राज्यसभा सांसद सुब्रह्मण्यम स्वामी ने समाचार एजेंसी एएनआई से कहा है, "इस मामले में शिया वक्फ बोर्ड को दखल देने के लिए भगवान ने भेजा है."

हिंदू और मुसलमानों के बीच राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद को लेकर लंबा विवाद रहा है. 1990 के दशक में दक्षिणपंथी संगठनों ने इसको खूब हवा दी और बड़े आदोलन हुए. 1992 में उग्र हिंदुओं की भीड़ ने विवादित मस्जिद को गिरा दिया था. इस मामले में विश्व हिंदू परिषद, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और भारतीय जनता पार्टी के कई नेताओं पर लोगों को भड़काने का आरोप लगा.

Indien Ayodhya Moschee Flash-Galerie Kultureller Wiederaufbau
तस्वीर: picture alliance / dpa

2010 में इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने लंबी सुनवाई के बाद विवादित जगह को तीन हिस्सों में बांटने का फैसला सुनाया. इसमें एक हिस्सा रामजन्मभूमि न्यास, दूसरा हिस्सा निर्मोही अखाड़ा और तीसरा सुन्नी वक्फ बोर्ड को देने की बात थी. बाद में शिया वक्फ बोर्ड ने कहा कि जो हिस्सा सुन्नी वक्फ बोर्ड को मिला है उस पर उनका हक है. उत्तर प्रदेश के शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड का कहना है कि विवादित जमीन पर मालिकाना हक उसका है इसलिए सिर्फ उसे ही इस बारे में फैसला करने का अधिकार है.

तीनों पक्षों ने इसके बाद पूरी जमीन पर हक के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया.

बाबरी मस्जिद विवाद को आजाद भारत में सबसे बड़ा धार्मिक विवाद माना जाता है. बीते तीन दशकों में इस मुद्दे ने देश की राजनीति पर खासा असर डाला और कई सरकारों के बनने और टूटने की वजह रहा. भारतीय जनता पार्टी को उत्तर भारत में इसी मुद्दे को हवा दे कर अपने पैर फैलाने मौका मिला. दूसरी तरफ कारसेवकों के खिलाफ बल प्रयोग कर उत्तर प्रदेश में मुलायम सिंह यादव और बिहार में लालू प्रसाद ने मंदिर निर्माण के लिए रथयात्रा लेकर चले बीजेपी नेता लालकृष्ण आडवाणी को गिरफ्तार कर खुद को मुसलमानों के हमदर्द के रूप में पेश किया. 

निखिल रंजन