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बांग्लादेश में बाढ़ में दर्जनों लोगों की मौत

२७ जून २०१२

बांग्लादेश में भारी वर्षा के बाद बाढ़ और भूस्खलन में कम से कम 70 लोग मारे गए हैं. बाढ़ग्रस्त इलाकों का रेल और रोड संपर्क टूट गया है. समुद्र तल के नीचे बसे, ज्यादा घनत्व वाले बांग्लादेश में हर साल मॉनसून तबाही मचाता है.

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तस्वीर: REUTERS

पिछले कई दिनों से हो रही घमासान वर्षा में चटगांव के इलाके में 15 लोग मारे गए हैं, बंदरबन के पहाड़ी इलाके में 30 लोगों की जानें गई हैं. चटगांव के डिप्टी कमिश्नर फैज अहमद ने कहा है, "बहुत से दूसरे लोगों के पहाड़ पर बने घरों के मलबे में दबे होने की आशंका है. राहत कार्य चल रहा है." म्यांमार की सीमा पर कॉक्स बाजार के तटीय इलाके में 24 लोग मारे गए हैं.

अधिकारियों का कहना है कि अधिकांश मौतें भूस्खलन या घरों के दीवारों के गिरने के अलावा बिजली गिरने और पानी की तेज लहर से हुई है. लोगों को बचाने और सुरक्षित जगहों पर पहुंचाने का काम चल रहा है. सेना, पुलिस और दमकल कर्मी बचाव दलों की मदद कर रहे हैं.

देश के पूर्वोत्तर में चावल और चाय की खेती वाले इलाके सिलहट में कई इलाकों में एक मीटर से ऊंचा पानी है. घर डूबे हुए हैं. इस इलाके में तीन बच्चों की जान जाने की खबर है. राजधानी के पश्चिमोत्तर के इलाकों में बाढ़ आ गई है.

पांच दिनों से चल रही बरसात में भारत और म्यांमार की सीमा पर लगे इलाकों को अपनी चपेट में ले रखा है. मौसम विभाग ने पिछले 24 घंटों में चटगांव के इलाके में 24.2 इंच वर्षा रिकॉर्ड की है. कॉक्स बाजार के डिप्टी कमिश्नर जैनुल बारी ने कहा है, "पिछले सालों की सबसे भयानक वर्षा हो रही है." मौसम विभाग के अनुसार आने वाले दिनों में और वर्षा होने की उम्मीद है.

आपदा नियंत्रण अधिकारियों का कहना है कि डेढ़ लाख लोग बाढ़ में बेघर हो गए हैं, जबकि सिलहट में 50,000 लोग पानी में फंसे हैं. बाढ़ में सैकड़ों घर बह गए हैं, जबकि अधिकारियों ने सैकड़ों परिवारों को संकटग्रस्त घरों से निकाला है और दूसरों को जल्द से जल्द घर खाली करने को कहा है.

वर्षा और बाढ़ से फसल को भारी नुकसान पहुंचने का खतरा है. लेकिन कृषि अधिकारियों का कहना है कि अभी नुकसान का अनुमान लगाना जल्दबाजी होगी. एक अधिकारी ने कहा, "अचानक आई बाढ़ का पानी बारिश रुकते ही कम होने लगता है. इसलिए हमें चावल और दूसरी फसल के ज्यादा नुकसान की आशंका नहीं है."

चटगांव और देश के दूसरे इलाकों के बीच रेल और रोड संपर्क भी टूट गया है. बाढ़ में एक रेल ब्रिज टूट गया है. रनवे पर पानी घुसने के बाद चटगांव के हवाई अड्डे को भी बंद कर दिया गया है. संचार संपर्क टूटने से राहत के काम में बाधा हो रही है.

हाल के सालों में चटगांव के इलाके में मॉनसून के दौरान वर्षा के कारण अक्सर भूस्खलन होते रहे हैं, जिसमें सैकड़ों लोगों की जानें गई हैं. इस इलाके में 50 लाख लोग रहते हैं. 2007 में भूसखलन ने 130 लोगों की जान ली थी, जबकि 2010 में कॉक्स बाजार जिले में 53 लोग मारे गए थे. पहाड़ी इलाके में इमारतों के निर्माण कार्य के नियमों को सख्त बनाने की मांग होती रही है.

एमजे/ओएसजे (रॉयटर्स, एएफपी)

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