बवेरिया में मैर्केल के गठबंधन सहयोगियों की हार
१५ अक्टूबर २०१८रविवार को हुए प्रांतीय चुनावों में क्रिश्चियन सोशल यूनियन पार्टी ने बहुमत खो दिया है और उसे 37.2 प्रतिशत वोट मिले हैं. इसका मतलब है कि मैर्केल की सरकार में गृह मंत्री हॉर्स्ट जेहोफर की सीएसयू पार्टी को अब बवेरिया में गठबंधन सरकार चलानी होगी.
चांसलर अंगेला मैर्केल की सरकार में शामिल सोशल डेमोक्रैटिक पार्टी (एसपीडी) को भी भारी नुकसान हुआ है और उसे सिर्फ 9.7 प्रतिशत वोट मिले. इसके विपरीत ग्रीन पार्टी ने 17.5 प्रतिशत मतों के साथ अच्छा प्रदर्शन किया है. वह दूसरे स्थान पर है.
बवेरिया में हुए चुनाव समाज में आए ध्रुवीकरण को भी दिखाते हैं. प्रांतीय विधान सभा में अब 6 पार्टियां होंगी. स्वतंत्र मतदाताओं के संगठन फ्राये वेलर को 11.6 प्रतिशत वोट मिले हैं और उसके सीएसयू के साथ गठबंधन सरकार बनाने की संभावना है. धुर दक्षिणपंथी एएफडी को 10.2 प्रतिशत वोट मिले हैं. एफडीपी पार्टी भी 5.1 प्रतिशत वोटों के साथ विधान सभा में लौटी है.
एसपीडी के लिए बवेरिया के नतीजे किसी भी प्रांत में उसका सबसे खराब प्रदर्शन है. इससे पहले सेक्सनी में उसे 2004 में सिर्फ 9.8 प्रतिशत वोट मिले थे. वामपंथी पार्टी डी लिंके विधानसभा में पहुंचने के लिए 5 प्रतिशत की बाधा पार नहीं कर पाई. उसे सिर्फ 3.2 प्रतिशत मतदाताओं का समर्थन मिला.
इन चुनावों में सबसे ज्यादा नुकसान सीएसयू और एसपीडी का हुआ है. एसपीडी ने पिछले चुनावों के मुकाबले 10.9 प्रतिशत वोट खोए हैं तो सीएसयू ने 10.4 प्रतिशत. धुर दक्षिणपंथी एएफडी ने बवेरिया में पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ा और वह 10.2 प्रतिशत वोट जीतने में कामयाब रही. ग्रीन पार्टी पिछले चुनावों के मुकाबले 8.9 प्रतिशत ज्यादा वोट पाने में सफल रही.
चुनाव नतीजों का असर चांसलर अंगेला मैर्केल की केंद्रीय सरकार पर भी हो सकता है. केंद्र सरकार में शामिल दो पार्टियों को 21 प्रतिशत से ज्यादा वोटों का नुकसान हुआ है. एसपीडी का एक धड़ा गठबंधन के खिलाफ रहा है और अब इस ऐतिहासिक हार के बाद गठबंधन छोड़ने की बहस फिर से शुरू हो सकती है.
एमजे/एके (एएफपी)