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बर्लिन में शाहरुख का भव्य स्वागत

सचिन गौड़, बर्लिन (संपादनः ओ सिंह)१३ फ़रवरी २०१०

भारत में शाहरुख़ ख़ान की फ़िल्म को लेकर मुंबई में कुछ विरोध ज़रूर हो रहा है लेकिन बर्लिन में लोगों ने शाहरुख़ और उनकी फ़िल्म का दिल खोलकर स्वागत किया है. कड़ाके की सर्दी में किंग खान के नाम रही शुक्रवार की रात.

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बर्लिन में शाहरुखतस्वीर: picture alliance / dpa

बर्लिन फ़िल्म फेस्टिवल यानी बर्लिनाले में जब लाल कालीन पर शाहरुख़, काजोल और करण जौहर उतरे तो जर्मनी के प्रशंसकों ने दिल खोलकर उनका स्वागत किया. शाहरुख़ के नाम के नारे लगने लगे और उनकी एक झलक पाने के लिए लड़कियों की हूजूम उमड़ पड़ा.

शुक्रवार रात भव्य बर्लिनाले प्लास्ट में किंग खान की फ़िल्म माई नेम इज़ ख़ान दिखाई गई. शाहरुख़ के प्रति चाहत इस क़दर थी कि लोगों ने सैकड़ों यूरो ख़र्च कर टिकट ख़रीदे.

माई नेम इज़ ख़ान एक ऐसे व्यक्ति की कहानी है जो मानसिक रूप से पूरी तरह ठीक नहीं है और अमेरिका के राष्ट्रपति से मिल कर बताना चाहता है कि वो आतंकवादी नहीं है. शाह रुख़ के मुताबिक हर धर्म अच्छी ही राह दिखता है बस देखने की नज़र चाहिए.

Berlinale 2010 Shah Rukh Khan
ज़ोरदार स्वागततस्वीर: picture-alliance/ dpa

जर्मनी के लिए शाहरुख़ के दिल में ख़ास जगह है और जब उनसे जर्मन कनेक्शन के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि उन्हें यहां की लड़कियां बेहद पसंद हैं, डॉयलॉग के अंदाज़ में बॉलीवुड के बाज़ीगर ने कहा, "सच बात कहूं तो जब मैं जर्मनी में होता हूं तो मैं झूठ नहीं बोल सकता, मुझे यहां की लड़कियां बहुत पसंद हैं!"

शाहरुख़ ख़ान के साथ इस फ़िल्म में काजोल हैं जो उनकी पत्नी का क़िरदार निभा रही हैं. काजोल का कहना है कि फ़िल्म का विषय अलग है और उन्हें नहीं पता कि लोगों को यह पसंद आएगी या नहीं. काजोल का कहना है, "मुझे नहीं लगता कि कोई भी यह कह सकता है कि एक फिल्म कैसी होगी, उस पर किस तरह की प्रतिक्रियाएं आएंगी और उससे कितना पैसा बनेगा."

फ़िल्म देखने के बाद बर्लिन में शुक्रवार की रात कई लोग माई नेम इज़ शाह रुख़ एंड आई एम नॉट अ टेरेरिस्ट के नारे लगाते तक नज़र आए. यानि किंग खान, करण जौहर और काजोल का जादू जर्मनी में अपना असर कर रहा है.