बर्फ की इस दुनिया में आपका स्वागत है
चीन के हारबिन में हर साल दुनिया भर के आइस आर्टिस्ट जुटते हैं और सामने आती हैं बर्फ से बनी एक से एक कलाकृति. लेकिन इन्हीं सर्द कलाकृतियों के बीच कुछ लोगों ने संग जीने मरने की कसमें खाईं.
खूूबसूरत निर्माण
अंतरराष्ट्रीय बर्फ मेले का आयोजन पूर्वोत्तर चीन में स्थित हाइलोंगजियांग प्रांत की राजधानी हारबिन में होता है. वहां बर्फ की विशालकाय इमारतें और मूर्तियां बनाई जाती हैं.
प्यार करने वाले...
उत्तरी चीन के हारबिन में हर साल इंटरनेशनल आइस फेस्टिवल होता है, जिसमें अलग अलग देशों के कलाकार हिस्सा लेते हैं. बर्फ की प्रतिमाओं और किलों के बीच कई लोग रोमांस का तड़का भी लगा देते हैं.
34 साल 34 जोड़े
पिछले 34 साल से हारबिन में यह इंटरनेशनल आइस फेस्टिवल हो रहा है. इसी बात को ध्यान में रखते हुए इस बार 8 जनवरी को 34 जोड़ों ने यहां आकर शादी की.
उफ्फ ये सर्दी
हारबिन को चीन की सबसे ठंडी जगहों में से एक माना जाता है जहां तापमान सर्दी में कई बार शून्य से 40 डिग्री सेल्सियस नीचे तक गया है. हालांकि जुलाई में यहां तापमान 20 से 23 डिग्री सेल्सियस रहता है.
पर्यटकों का तांता
हारबिन में आइस फेस्टिवल के दौरान लाखों सैलानी आते हैं और फरवरी में जब तक बर्फ पिघलने नहीं लग जाती, यहां कुछ ना कुछ आयोजन चलता ही रहता है.
औसत तापमान
जनवरी के महीने में आम तौर पर तापमान -18 डिग्री सेल्सियस होता है जबकि फरवरी में -14 डिग्री सेल्सियस. ऐसे में बर्फ की कलाकृतियों के पिघलने का खतरा नहीं होता है.
2000 कलाकृत्तियां
महोत्सव के दौरान 2000 से ज्यादा कलाकृत्तियां बनाई गई हैं, जिन्हें बनाने के लिए 180 टन सख्त बर्फ और 150 टन बर्फीले फाहे का इस्तेमाल हुआ है.
हजारों की मेहनत
इस साल की इन कलाकृतियों को बनाने में 10 हजार लोगों की मेहनत लगी है. लगभग छह लाख वर्ग किलोमीटर में बर्फ की यह दुनिया फैली है.
बुद्ध की मूर्ति
इस साल बनी मूर्तियों में गौतम बुद्ध की भी मूर्ति है. चीन में बौद्ध धर्म का प्रभाव है और गौतम बुद्ध के कई मंदिर भी हैं जहां बड़ी संख्या में पर्यटक जाते हैं.
आयोजकों की उम्मीद
पिछले साल दस लाख से ज्यादा लोग इस आइस फेस्टिवल को देखने आए. इस बार आयोजकों को उम्मीद है कि हर दिन एक लाख लोग इसे देखने आएंगे.
जगमगाता माहौल
रात के समय में कंप्यूटर नियंत्रित एलईडी लाइटों के जरिए इन कलाकृतियों को जमगमाया जाता है जिसे एक शानदार नजारा दिखाई पड़ता है.