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बदलती दुनिया में उभरते भारत, चीनः ओबामा

२२ अप्रैल २०११

अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने कहा है कि अमेरिका को यह स्वीकार करना होगा कि दुनिया बदल रही है जिसमें भारत और चीन उभर रहे हैं जबकि मध्यपूर्व में अस्थिरता बढ़ रही है.

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तस्वीर: AP

सैन फ्रांसिस्को में राष्ट्रपति पद के चुनाव अभियान के लिए चंदा जुटाने के एक कार्यक्रम में ओबामा ने कहा, "हम पूरी दुनिया में बदलाव देख रहे हैं. भारत और चीन जैसे देश उभर रहे हैं जबकि मध्यपूर्व में अस्थिरता बढ़ रही है. तकनीकी विकास के कारण दुनिया सिमट रही है जिसका बड़ा हिस्सा इसी इलाके में खोजा गया है." ओबामा ने माना कि अमेरिका को यह बदलाव स्वीकार करना होगा. उनका कहना है, "मेरे ख्याल से अपने बच्चों और उनके आगे की पीढ़ी को जैसा अमेरिका हम देना चाहते हैं, उनको वही मिले, इसके लिए हमें खुद को नए माहौल में ढालना होगा."

Barack Obama Manmohan Singh Indien
तस्वीर: AP

ओबामा ने ध्यान दिलाया, "इतिहास में उतार चढ़ाव के पल आते रहे हैं और अब हमने समझ लिया है कि 2008 में अमेरिका भी ऐसे ही एक दौर में घुस चुका है." ओबामा ने माना कि पिछले दशक में अर्थव्यवस्था का विकास तो होता रहा लेकिन यह विकास एक बुलबुले पर टिका था. शीर्ष पर बैठे लोगों को तो सब कुछ मिलता रहा, लेकिन आम लोगों के वेतन और आमदनी में काफी गिरावट आई. उन्होंने कहा कि अमेरिकी सरकार अपनी क्षमताओं के बाहर जा कर काम कर रही है क्योंकि टैक्स में कटौती की गई है और दो जंग लड़ी गईं जिनके लिए पैसा नहीं मांगा गया.

ओबामा के मुताबिक, "लोगों को मंदी शुरू होने से पहले ही यह समझ लेना चाहिए था कि जिन हालात में और जिन रास्तों पर हम बढ़ रहे थे, उन पर चल कर लंबे समय तक विकास करना और हर अमेरिकी के सपनों को पूरा कर पाना मुमकिन नहीं था." इसके कुछ ही देर बाद ओबामा को भाषण बीच में रोकना पड़ा क्योंकि लोगों का एक समूह गाना गाते हुए वहां आ पहुंचा. ये लोग विकीलीक्स मामले के संदिग्ध ब्रैडले मैनिंग के साथ कथित दुर्व्यवहार का विरोध कर रहे थे.

इसी हफ्ते की शुरुआत में ओबामा ने भारत और मैक्सिको में सस्ती स्वास्थ्य सुविधाओं को निशाना बना कर विवाद खड़ा कर दिया. उनकी दलील है कि अमेरिकी लोगों को अपने देश में मौजूद उच्च गुणवत्ता वाली स्वास्थ्य सुविधाओं का ही उपयोग करना चाहिए. इससे पहले भारत में आउटसोर्सिंग कर रही अमेरिकी कंपनियों को भी वह निशाना बना चुके हैं.

रिपोर्टः एजेंसियां/एन रंजन

संपादनः ए कुमार

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