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बगदाद में बिक रहा है शेर

१५ जुलाई २०१०

बगदाद में शेर बेचे जा रहे हैं. पालतू जानवरों के बाजार में शेर, भालू, भेड़ियों और गिद्धों की बिक्री हो रही है. सैंकड़ों लोग रोज इन जानवरों को देखने जाते हैं, खरीदने वाले न के बराबर हैं. लेकिन दुकानदार को अपने ऊपर गर्व है.

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तस्वीर: AP

इराक की राजधानी बगदाद के एक बाजार में पिंजरे में बंद गुर्राता शेर बिक रहा है. अन्य पिंजरों में भालू, भेड़िए, बंदर और गिद्ध भी हैं. बाजार को पालतू जानवरों के बाजार का नाम से पुकारा जाता है. दुकानदार पूर्व सैनिक अलाजवी हैं. वह कहते हैं, ''लड़ाई की वजह से इराकी परिवार और बच्चे तनाव का शिकार हो चुके हैं. ऐसे में वह हमारे पास आते हैं, मैं जानता हूं कि उनमें से कोई इन जानवरों को नहीं खरीदेगा. लेकिन मुझे गर्व हैं कि वह लोग जानवरों को देखने के बाद यहां से खुश होकर लौटते हैं.''

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तस्वीर: AP

अलाजवी के पास एक नन्हा शावक (शेर का बच्चा), दो मगरमच्छ, मोर, शुतुरमुर्ग, बिज्जू, साही भी है. इन्हें देखने हर रोज़ करीब 400 लोग आते हैं. इराकी जनता के चेहरे में चिड़ियाघर के रंग भरने वाले अलाजवी कहते हैं कि दो शावक और लकड़बग्घे भी जल्द ही आने वाले हैं.

शेर के बच्चे के बारे में वह कहते हैं, ''मैं रोज इसे अपने साथ घर ले जाता हूं. मैं इसे लोगों के बीच में ले जाता हूं ताकि यह इंसानों का आदी हो जाए. घर पर तो यह मेरे साथ सोफे में बैठकर टीवी तक देखता है.''

Krankenhaus in Bagdad
युद्ध ने इराकी लोगों की मानसिकता बदलीतस्वीर: AP

अलाजवी कहते हैं, ''जानवरों से मुझे बड़ा प्यार है.'' उन्हें अपना धंधा जमाने में ही दस साल लगे हैं. अब वह जानवरों के छोटे बच्चों को पाल पोस कर बड़ा करते हैं और उसके बाद उन्हें चिड़ियाघरों को बेच देते हैं. जानवरों की देख रेख के लिए उन्हें हर महीने 2,500 डॉलर खर्च करने पड़ते हैं. लेकिन उन्हें खुशी हैं कि उनके इस कारोबार से इराकी जनता के चेहरे पर मुस्कुराहट लौटी है. वह कहते हैं कि अब लोग पहले की तुलना में ज्यादा घरों से बाहर निकलते हैं.

रिपोर्ट: एएफपी/ओ सिंह

संपादन: उभ