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बंधक पुलिसकर्मियों की रिहाई की नई समयसीमा

३ सितम्बर २०१०

माओवादियों ने बंधक पुलिसकर्मियों की रिहाई के लिए समयसीमा शुक्रवार सुबह 10 बजे तक बढ़ाई. लखीसराय जिले से अगवा किए चार पुलिसकर्मियों में से एक सब इंस्पेक्टर अभय यादव की हत्या करने का दावा. आठ साथियों की रिहाई की मांग.

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तस्वीर: AP

माओवादियों के प्रवक्ता होने का दावा करने वाले युवक अविनाश ने कहा कि सब इंस्पेक्टर अभय यादव की हत्या कर दी गई है. माओवादियों ने जेल में बंद आठ साथियों की रिहाई की मांग की है लेकिन समयसीमा बीत जाने और रिहाई न होने के चलते माओवादियों ने अगवा किए गए अभय यादव की हत्या का दावा किया है. अविनाश ने कहा है कि अगर शुक्रवार सुबह 10 बजे तक उनके साथियों की रिहाई नहीं हुई तो वे बाकी तीन पुलिसकर्मियों की भी हत्या कर देंगे.

Indische Paramilitärs gegen Maoistische Rebellen
तस्वीर: dpa

लेकिन बिहार के पुलिस महानिदेशक नीलमणि के मुताबिक अभी इस बात के कोई सबूत नहीं हैं कि बंधक की हत्या कर दी गई है. पुलिस के मुताबिक बंधकों की खोजबीन के लिए बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान छेड़ दिया गया है.

एक मुठभेड़ के बाद माओवादियों ने कजरा पुलिस स्टेशन के पास रविवार को सब इंस्पेक्टर अभय यादव और रूपेश कुमार, बिहार मिलिट्री पुलिस के हवलदार एहतेशाम खान और सहायक सब इंस्पेक्टर लुकास टेटे को अगवा कर लिया था. इस मुठभेड़ में आठ पुलिसकर्मियों की मौत हो गई थी.

माओवादियों के साथ राज्य सरकार की बातचीत होने की अटकलों को पुलिस महानिदेशक नीलमणि ने खारिज किया है. "यह बिलकुल गलत बात है. न तो राज्य सरकार और न पुलिस के स्तर पर बंधकों की रिहाई के लिए माओवादियों से बातचीत की जा रही है. हम से जो बन सकता है हम वह करने की कोशिश कर रहे हैं. जमुई, मुंगेर और लखीसराय जिले में पहाड़ियों पर तलाशी अभियान छेड़ा गया है."

लेकिन नई दिल्ली में केंद्रीय गृह सचिव जीके पिल्लई ने कहा कि राज्य सरकार माओवादियों के साथ बातचीत कर रही है. "माओवादियों और राज्य सरकार के बीच वार्ता हो रही है और हम उन्हें पूरा सहयोग दे रहे हैं. हमें उम्मीद है कि जल्द ही सफल नतीजा सामने आएगा."

आधिकारिक सूत्रों के हवाले से न्यूज एजेंसी पीटीआई ने बताया है कि माओवादियों की ओर से कोई संदेश अभी राज्य पुलिस मुख्यालय तक नहीं पहुंचा है. जबकि बिहार सरकार संकेत दे चुकी है कि वह उनसे बातचीत शुरू करने पर विचार कर सकती है. पुलिस महानिदेशक नीलमणि ने पहले कहा था कि माओवादियों के साथ बातचीत पर विचार किया जा सकता है लेकिन बात किससे की जाए. हवा में बात नहीं की जा सकती.

इस बीच अगवा हुए पुलिसकर्मियों के परिवारजन बेहद तनाव में हैं और कुछ ने तो सकुशल रिहाई न होने पर आत्मदाह करने की चेतावनी दी है. वहीं विपक्षी पार्टियों ने मुख्यमंत्री नीतिश कुमार की सरकार पर निशाना साधते हुए कहा है कि कानून व्यवस्था में ढिलाई बरतने के चलते ही यह घटना हुई है.

रिपोर्ट: एजेंसियां/एस गौड़

संपादन: महेश झा