फ्रांस लौटा रहा है अफ्रीका से लूटी हुई कलाकृतियां
फ्रांस ने 130 साल पहले अफ्रीका के दहोमेय साम्राज्य से 26 कलाकृतियां लूट ली थीं. अब फ्रांस उन्हें लौटा रहा है लेकिन लौटाने से पहले पेरिस में इन कलाकृतियों की एक प्रदर्शनी लगाई गई है.
पेरिस में प्रदर्शनी
कलाकृतियां पश्चिमी अफ्रीका के देश बेनिन को लौटाई जा रही हैं, जहां कभी दहोमेय साम्राज्य था. लौटाने से पहले इन्हें पेरिस में एक खास प्रदर्शनी में दर्शाया गया है.
एक प्रभावशाली साम्राज्य
दहोमेय साम्राज्य की स्थापना 17वीं शताब्दी में हुई और वो 19वीं शताब्दी तक कायम रहा. वो अफ्रीका के सबसे शक्तिशाली साम्राज्यों में से था. यह तस्वीर बेहंजिन की है जिन्हें इस साम्राज्य का अंतिम स्वतंत्र शासक माना जाता है. 1890 में जब फ्रांस ने उनके साम्राज्य पर हमला कर दिया तो उन्होंने फ्रांस के खिलाफ प्रतिरोध का नेतृत्व किया. चार साल बाद फ्रांस जीत गया और बेहंजिन अपने परिवार के साथ देश छोड़ कर चले गए.
शाही मूर्तियां
1892 में जब फ्रांस की सेना बेनिन पर कब्जा जमा रही थी, जो पूर्व शाही शहर अबोमेय स्थित राजमहल से कई कलाकृतियां चुरा कर फ्रांस पहुंचा दी गई थीं. 2006 में इन कलाकृतियों को पहली बार फ्रांस में एक प्रदर्शनी में सार्वजनिक किया गया.
बेनिन लौटेगा इतिहास
बेनिन में इन कलाकृतियों को सबसे पहले विदाह शहर स्थित गवर्नर के निवास पर दर्शाया जाएगा. फिर इन्हें अबोमेय पहुंचा दिया जाएगा जहां एक नया संग्रहालय बनाया जाएगा. बेनिन 1960 में स्वतंत्र हुआ था और उसने 2016 में फ्रांस की सरकार को एक चिट्ठी लिखकर इन कलाकृतियों को वापस मांगा था.
वादा निभाया
2017 में फ्रांस के राष्ट्रपति इमानुएल माक्रों ने लूटी हुईं कलाकृतियों को वापस लौटाने के लिए एक कानून बनाने में मदद करने का वादा किया था. तब तक फ्रांस में रखी गई सांस्कृतिक वस्तुएं सरकारी संपत्ति थी और उन्हें हस्तांतरित नहीं किया जा सकता था, चाहे वो किसी भी तरह से लाई गई हों. इन्हें लौटाने की अनुमति देने वाला कानून 2020 में पारित किया गया.
अल हज उमर की तलवार
फ्रांस ने 2019 में सेनेगल को अल हज उमर नाम के सैन्य जनरल और विद्वान की तलवार भी लौटाई थी. यह फ्रांस द्वारा उसकी पूर्व कॉलोनियों को लौटाई कई पहली वस्तु थी. तस्वीर में सेनेगल के राष्ट्रपति मैकी साल (दाईं तरफ) तलवार को स्वीकार कर रहे हैं.
लकड़ी का कीमती सामान
फ्रांस बेनिन को शाही मूर्तियों के अलावा राजदंड और वेदिका जैसे सामान भी लौटाएगा. यह शानदार शाही कुर्सी भी पश्चिमी अफ्रीका को लौटाई जाएगी. बेनिन के अलावा सेनेगल, माली, चाड, कोट दिवोआर, इथियोपिया और मैडागास्कर ने भी फ्रांस को उनका सामान लौटाने के लिए लिखा है.
खोई हुई विरासत
अनुमान है कि यूरोप में अफ्रीका की वस्तुगत सांस्कृतिक विरासत का 90 प्रतिशत हिस्सा रखा हुआ है. अकेले पेरिस के म्युजि दू क्वे ब्रैन्ली संग्रहालय में अफ्रीका के उप-सहराई इलाके की करीब 70,000 कलाकृतियां रखी हुई हैं. इनमें से आधे से ज्यादा को फ्रांस के औपनिवेशिक काल में हासिल किया गया था. आजकल यह जानने के लिए जांच चल रही है कि इन्हें कहीं अन्यायपूर्ण तरीके से तो नहीं लाया गया था.
अन्य यूरोपीय देश भी लौटाएंगे सामान
यूरोप के अन्य देशों ने भी कई देशों को कलाकृतियां लौटाने का वादा किया है. जर्मनी नाइजीरिया को 'बेनिन ब्रोन्जेस' के नाम से जानी जाने वाली कलाकृतियां 2022 से लौटना शुरू करना चाहता है. (ऐनाबेल स्टेफेस-हालमर)