1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

फेटल के टॉप गियर से अलोंसो फेल

१४ अक्टूबर २०१२

फॉर्मूला वन विश्व चैंपियन सेबास्टियान फेटल ने दक्षिण कोरिया की ग्रां प्री जीती. जीत के साथ वे न सिर्फ फर्राटा रेस में फिर से सिरमौर हो गए हैं. उनकी नजरें अब लगातार तीसरी चैंपियनशिप जीतने पर टिक गई हैं.

https://p.dw.com/p/16PlV
तस्वीर: Reuters

लगातार तीसरी जीत के साथ रेड बुल पायलट फेटल ने पांच महीने बाद फॉर्मूला वन में फिर से बढ़त ले ली. रविवार को हुई रेस में उनकी जीत कभी खतरे में नहीं थी और इस जीत के साथ वे हैट ट्रिक की राह पर हैं. फेटल 2010 और 2011 में वर्ल्ड चैंपियन रह चुके हैं.

दक्षिण कोरिया की रेस से पहले फेटल अपने प्रतिद्वंद्वी फर्नांडो अलोंसो से 4 प्वाइंट पीछे चल रहे थे, लेकिन इस जीत के बाद उन्हें अलोंसो पर छह प्वाइंट की बढ़त मिल गई है. रेस की शुरुआत पोल पोजीशन से करने वाले फेटल के टीम के साथी मार्क वेबर दूसरे स्थान पर आए जबकि अलोंसो तीसरे स्थान पर रहे.

जीत के बाद फेटल चिल्लाये, 'वूहू येस.' पिछली बार स्पेन की ग्रां प्री के बाद फेटल सबसे आगे चल रहे थे. लेकिन उसके बाद अलोंसो उनसे आगे निकल गए. लेकिन तकनीकी बेहतरी के बाद फेटल ने फिर से जीतना शुरू कर दिया और तीन रेसों में जीत के बाद अब वह अलोंसो से आगे निकल गए हैं. कोरियन जीपी के लिए उन्हें अधिकतम 75 अंक मिले. रेस के अंत में सिर्फ एक बार हालत खराब हुई जब टायर में कुछ गड़बड़ी दिखी, लेकिन फेटल ने जीत को संभाल लिया. टीम प्रमुख क्रिस्टियान हॉर्नर ने शाबाशी दी, 'शानदार सेब, उम्दा रेस.'

पोल पोजीशन न पाने की निराशा फेटल ने शुरुआती लैप में खत्म कर दी और अपनी टीम के साथी मार्क वेबर को पीछे छोड़कर आगे निकल गए. वेबर ने भी उन्हें आराम से आगे जाने दिया और उनकी जीत में कोई बाधा डालने की कोशिश नहीं की. चौथे नंबर पर रेस शुरू करने वाले अलोंसो भी लुइस हैमिल्टन से आगे बढ़कर रेल बुल के ड्राइवरों का पीछा शुरू कर दिया. खलबली सॉबर के पाइलट कामुई कोबायाशी ने मचाई. पहले निको रोसबर्ग की मर्सिडीज को छुआ और उसके बाद जेंसन बटन के मैक्लारेन से टकराए. कोबायाशी को जुर्माना जरूर हुआ लेकिन रोसबर्ग और बटन की रेस मारी गई.

Formel 1 Südkorea Siegerehrung
तस्वीर: AP

अपनी 25वीं ग्रां प्री जीत के साथ फेटल रिकॉर्ड विजेताओं की सूची में सातवें नंबर पर आ गए हैं. सूची में सबसे ऊपर जर्मनी के ही मिषाएल शूमाखर हैं, जिंहोंने 91 ग्रां प्री जीती है. उनके बाद दूसरे नंबर पर 51 जीतों के साथ फ्रांस के अलां प्रोस्ट और 1994 में एक दुर्घटना में जान गंवाने वाले ब्राजील के आयर्टन सेना हैं, जिन्होंने अपने दस साल के रेसिंग करियर में 41 बार ग्रां प्री जीती थी. इस चैंपियनशिप में फेटल का पीछा कर रहे फर्नांडो अलोंसो के खाते में 30 जीतें हैं.

रेस में भाग ले रहे जर्मन ड्राइवरों में दूसरा सबसे अच्छा प्रदर्शन नीको हुल्केनबर्ग ने किया. फोर्स इंडिया के पायलट छठे स्थान पर आए जबकि मर्सिडीज को फिर कोई प्वाइंट नहीं मिला. सात बार चैंपियनशिप जीत चुके मिषाएल शूमाखर 13वें स्थान से बेहतर प्रदर्शन नहीं कर पाए. नीको रोसबर्ग के लिए तो रेस कुछ ही किलोमीटर बाद खत्म हो गई थी क्योंकि वे कामुई कोबायाशी से बिना किसी गलती के टकरा गए. टीमो ग्लॉक लक्ष्य पर पहुंचने वाले 18 वें ड्राइवर रहे.

एमजे/ओएसजे (डीपीए)

इस विषय पर और जानकारी को स्किप करें

इस विषय पर और जानकारी

और रिपोर्टें देखें