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फुकुशिमा रिएक्टर में ईंधन छड़ें पिघलीं

२८ मार्च २०११

जापान की सरकार ने कहा है कि फुकुशिमा के पास पानी में मिले रेडियोधर्मी विकिरण का कारण परमाणु ईंधन की छड़ों का आंशिक रूप से पिघलना है. सरकारी प्रवक्ता ने इसे पार्शियल मेल्टडाउन बताया है.

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तस्वीर: AP

मुख्य कैबिनेट सचिव युकियो एदानो ने सोमवार को कहा, "परमाणु ईंधन छड़ों का आंशिक रूप से पिघलना अस्थायी स्थिति है. फुकुशिमा दायची परमाणु संयंत्र के रिएक्टर 2 में यह मुश्किल खड़ी हुई है. पानी परमाणु ईंधन की छड़ों के संपर्क में आया जिसके कारण यह पार्शियल मेल्टडाउन हुआ है."

रिएक्टर 2 के टरबाइन के रेडियोधर्मी पानी में विकिरण की मात्रा 1000 मिलीसीवर्ट्स प्रति घंटा से ज्यादा है. फुकुशिमा दायची प्लांट के ऑपरेटर टेपको ने फ्रांसीसी विशेषज्ञों की मदद लेने की बात कही है. नियम के मुताबिक प्लांट में प्रति शिफ्ट 100 मिलीसीवर्ट्स तक के विकिकरण की स्थिति में ही लोग वहां काम कर सकते हैं. लेकिन 11 मार्च के बाद शुरू हुए संकट के बाद इस सीमा को बढ़ा कर 250 मिलीसीवर्ट्स प्रति शिफ्ट कर दिया.

टेप्को की कोशिश है कि वह रेडिएशन वाला पानी जितनी जल्दी हो सके साफ कर दे ताकि और कर्मचारियों को विकिरण से तकलीफ न हो. सोमवार को दिन में समुद्र के पानी में विकिरण की मात्रा ज्यादा नापी गई. जापान सरकार की परमाणु सुरक्षा एजेंसी ने कहा कि पानी में रेडियोधर्मी आयोडीन का स्तर 1,150 गुना अधिक है.

ग्रीन पीस ने जापान सरकार से अनुरोध किया था कि फुकुशिमा के आस पास खाली कराए जाने वाले इलाके का दायरा बढ़ा दिया जाए लेकिन जापान ने इसे ठुकरा दिया है.

रिपोर्टः एजेंसियां/आभा एम

संपादनः ए कुमार

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