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फुकुशिमा का रेडियोधर्मी पानी क्या महासागर में छोड़ा जाएगा

१२ अगस्त २०१९

जापान के फुकुशिमा परमाणु संयंत्र का संचालन करने वाली कंपनी का कहना है कि उसके पास अब और रेडियोधर्मी पानी को रखने की जगह नहीं है. सरकार और लोगों पर कंपनी इस समस्या के समाधान के लिए दबाव बना रही है.

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Japan Sechs jahre nach dem Reaktorunglück in Fukushima
तस्वीर: Reuters/T. Hanai

यह वही संयंत्र है जो 2011 में एक साथ आए सूनामी और भूकंप की चपेट में आया था. उस आपदा में फुकुशिमा दाई ची परमाणु संयंत्र के तीन रिएक्टर पिघल गए थे. इसके बाद रिएक्टर से रेडियोधर्मी पानी रिस कर संयंत्र के पास भूजल और बारिश के पानी में मिल गया. हालांकि इस पानी को साफ किया जाता है लेकिन फिर भी यह रेडियोधर्मी होता है. इस पानी को बड़े बड़े टैंक में जमा कर रखा जाता है.

फुकुशिमा संयंत्र ने एक हजार टैंकों में 10 लाख लीटर से ज्यादा पानी जमा कर रखा है. संयंत्र को संचालित करने वाली कंपनी टोक्यो इलेक्ट्रिक पावर कंपनी का कहना है कि उसकी योजना और ज्यादा टैंक बनाने की है जिसके बाद वह 13 लाख 70 हजार लीटर पानी जमा करके रख पाएगी. कंपनी के पास 2022 तक इतना पानी जमा हो जाएगा. हालांकि इसके बाद क्या होगा यह बड़ा सवाल है. 

Tsunami Japan 2011
तस्वीर: Getty Images/AFP/S. Tomizawa

फुकुशिमा पर आई आपदा के करीब साढ़े आठ साल बीत चुके हैं लेकिन अब भी अधिकारी इस बात पर सहमत नहीं हो सके हैं कि इस रेडियोधर्मी पानी का क्या किया जाए. सरकार के बनाए एक पैनल ने पांच विकल्प चुने हैं. इनमें एक विकल्प यह भी है कि नियंत्रित रूप से पानी को प्रशांत महासागर में छोड़ा जाए. परमाणु विशेषज्ञ और अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा आयोग के सदस्य मानते हैं कि यही एक व्यवहारिक विकल्प बचा है. हालांकि इस इलाके में रहने वाले लोग और मछुआरे इस विकल्प का विरोध कर रहे हैं. उनका कहना है कि पानी को सागर में डालना फुकुशिमा में मछलीपालन और कृषि के लिए आत्मघाती होगा.

विशेषज्ञों का कहना है कि इन टैंकों की वजह से यहां बाढ़ और विकिरण का खतरा है और साथ ही यह संयंत्र को बंद करने की कोशिशों के भी खिलाफ है. टेपको और सरकारी अधिकारी पिघले हुए ईंधन को 2021 में बाहर निकालने की योजना बना रहे हैं.  इसके साथ ही वे यह भी चाहते हैं कि इस परिसर को इन टैंकों से मुक्त कराया जाए ताकि पिघल कर बाहर निकलने वाले कचरे और दूसरे जहरीले तत्वों के लिए के लिए सुरक्षित भंडार बनाए जाएं. पैनल ने चार अन्य विकल्पों के अलावा लंबे समय के लिए भंडार की योजना को पांचवे विकल्प के रूप में शामिल किया है. पैनल के कई सदस्यों ने टेपको से आग्रह किया है कि वह और जमीन अधिग्रहित करने के बारे में सोचे ताकि जल्दी ही सहमति नहीं बनने की स्थिति में और ज्यादा टैंक बनाए जा सकें.

Japan Sechs jahre nach dem Reaktorunglück in Fukushima
तस्वीर: Reuters/T. Hanai

टेपको के प्रवक्ता जुनिशी मातसुमोतो का कहना है कि प्लांट को बंद करने के बाद निकलने वाले जहरीले पदार्थों को इस परिसर में ही रखा जाना चाहिए. उनका कहना है कि लंबे समय तक भंडारण करने से रेडियोधर्मिता धीरे धीरे खत्म हो जाएगी क्योंकि इनकी उम्र आधी ही रहती है. हालांकि इससे प्लांट को बंद करने के काम में बाधा आएगी. मातसुमोतो ने इस इस रेडियोधर्मी पानी पर फैसले लिए कोई समयसीमा तय करने से मना कर दिया लेकिन उन्हें उम्मीद है कि सरकार जल्दी ही इस पर लोगों के बीच बहस कराएगी. कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि स्थानीय लोगों की भावना को प्राथमिकता दी जानी चाहिए.

एनआर/आरपी(एपी)

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