1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

फिलीपींस के सबसे बड़े मीडिया नेटवर्क को सरकार ने बंद कराया

६ मई २०२०

पत्रकारिता समेत कई क्षेत्रों में अच्छे काम के लिए मैग्सेसे पुरस्कार देने वाले देश फिलीपींस ने अपने यहां के सबसे बड़े मीडिया नेटवर्क को बंद कर दिया है. यह नेटवर्क सरकार के प्रति आलोचनात्मक रवैया रखने वाला माना जाता है.

https://p.dw.com/p/3br8j
Philippines TV Sender Schließung ABS-CBN
तस्वीर: picture-alliance/AP Photo/A. Favila

फिलीपींस के सरकारी टेलीकम्युनिकेशन आयोग ने देश के सबसे बड़े और प्रभावशाली मीडिया समूह एबीएस-सीबीएन को बंद करने का आदेश दिया है. मीडिया समूह ने बताया कि उन्होंने अपना ऑपरेशन बंद कर दिया है. मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक इस मीडिया हाउस को 25 साल के लिए दिया गया लाइसेंस खत्म हो गया है. वहां की संसद ने मीडिया हाउस के लाइसेंस को रिन्यू करने की अपील पर कोई फैसला नहीं लिया जिसकी वजह से चैनल को अपना काम बंद करना पड़ा. हालांकि वहां के कानून मंत्रालय ने कहा है कि मीडिया हाउस चाहे तो इसके खिलाफ अपील कर सकता है.

राजनीति से प्रेरित कदम

मानवाधिकार कार्यकर्ताओं, विपक्षी नेताओं और पत्रकारों ने सरकार के इस कदम की कड़ी निंदा की है. इन सबने फिलीपीनी सरकार द्वारा उठाए इस कदम को प्रेस की आजादी को खत्म करने की कोशिश करार दिया है. यह चैनल फिलीपीनी राष्ट्रपति रोड्रिगो डुटेर्टे के प्रभुत्ववादी नेतृत्व और प्रशासन के तरीके के प्रति आलोचनात्मक नजरिया रखता था. एबीएस-सीबीएन ने राष्ट्रपति द्वारा ड्रग्स के विरुद्ध छेड़ी गई 'खूनी जंग'  की भी निंदा की थी. 2016 में जब डुटेर्टे राष्ट्रपति पद की दौड़ में थे तो एबीएस-सीबीएन ने उनके विज्ञापन लेने से मना कर दिया था. इसलिए इसे अब बदले की कार्रवाई माना जा रहा है.

फिलीपींस के पत्रकारों के समूह जर्नलिस्ट यूनियन इन दी फिलीपींस (NUJP) ने ट्विटर पर इस कार्रवाई का विरोध करते हुए एक बयान जारी किया. इस बयान में कहा गया है, "संदेश बेहद साफ है. दुतेर्ते जो चाहते थे उन्होंने कर दिया. बेशर्मी से उठाए गए एबीएस-सीबीएन को बंद करने के कदम के साथ दुतेर्ते ने दिखा दिया कि वो क्रिटिकल मीडिया को किस तरह चुप कर रहे हैं. ये दूसरों के लिए भी एक संदेश है. क्या सरकार अपने बॉस की एक चैनल से नफरत के चलते इतनी अंधी हो गई है कि उन्होंने निष्पक्ष होने की सामूहिक भावना को त्याग दिया. सरकार ने सही प्रक्रिया का भी पालन नहीं किया और देश के भले के बारे में भी नहीं सोचा." मानवाधिकार संगठन ह्यूमन राइट्स वॉच ने कहा,"एबीएस-सीबीएन को बंद करवाना डुटेर्टे की मीडिया और मानवाधिकार संगठनों को चुप करवाने की नीति का हिस्सा है. कोरोना महामारी के समय में सत्य और तथ्यपूर्ण रिपोर्टिंग और भी जरूरी हो जाती है."

डुटेर्टे के कदम का विरोध

विपक्षी नेताओं ने सरकार द्वारा एबीएस-सीबीएन को बंद करवाने का विरोध करते हुए कहा कि सरकार ने संसद की शक्तियों को कम करने की कोशिश की है. सरकार ने ब्रॉडकास्टरों के लाइसेंस रिन्यू करने के संसद के अधिकार को छीन लिया है. वहीं, डुटेर्टे के करीबी सांसद बॉन्ग गो ने कहा कि राष्ट्रपति सही रिपोर्टिंग चाहते हैं, अगर कोई चैनल उनसे दुर्भाव रखेगा तो वो उसके साथ और भी बुरा बर्ताव करेंगे. 

पिछले कुछ हफ्तों में डुटेर्टे कई बार चैनल के लाइसेंस को रिन्यू ना करने की धमकी दे चुके थे. एबीएस-सीबीएन को हमेशा सरकारों के प्रति क्रिटिकल नजरिया रखने के लिए जाना जाता है. 1972 में फिलीपींस के तानाशाह फर्डिनांड मार्कोस ने भी चैनल को बंद करवा दिया था. तब चैनल तानाशाह के प्रति क्रिटिकल नजरिया रखकर रिपोर्टिंग करता था.

फिलीपींस रिपोर्टर्स विदाउट बॉर्डर्स की प्रेस फ्रीडम इंडेक्स में 180 देशों में से 134 वें स्थान पर है. भारत इस सूची में फिलीपींस से आठ स्थान नीचे यानी 142वें स्थान पर आता है. न्यू यॉर्क की पत्रकार सुरक्षा समिति ने पत्रकारों की हत्या के मामले में फिलीपींस को गृहयुद्ध से जूझ रहे सोमालिया, सीरिया, इराक, दक्षिण सूडान के बाद पांचवे स्थान पर रखा था. फिलीपींस अलग-अलग क्षेत्रों में अच्छा काम करने के लिए एशिया का नोबेल कहे जाने वाले रोमन मैग्सेसे पुरस्कार भी देता है. रोमन मैग्सेसे पुरस्कार में एक कैटिगिरी पत्रकारिता की भी है. भारतीय पत्रकार रवीश कुमार को हाल में पत्रकारिता में उत्कृष्ट कार्य के लिए मैग्सेसे पुरस्कार मिला था. 

आरएस/आरपी (ईपीडी/केएनए)

__________________________

हमसे जुड़ें: Facebook | Twitter | YouTube | GooglePlay | AppStore