फिर लौट आए बॉन के गुलाबी चेरी ब्लॉसम
जर्मनी की पूर्व राजधानी बॉन के गुलाबी चेरी ब्लॉसम पूरी दुनिया में मशहूर हैं. इस साल भी शहर की सड़कों पर चेरी ब्लॉसमों की बहार आई हुई है, लेकिन महामारी की वजह से इनकी खूबसूरती का आनंद लोग उठा नहीं पा रहे हैं.
एक रूमानी सैर के लिए
बॉन के पुराने शहर (आल्स्टाट) में चेरी ब्लॉसम के करीब 300 पेड़ हैं, जिनमें से अधिकतर को 1980 के दशक में लगाया गया था. शुरुआत में शहर में हॉथॉर्न के पेड़ लगाने की योजना थी, लेकिन समय रहते पर्याप्त संख्या में उस पेड़ के पौधे मिल नहीं पाए. चेरी ब्लॉसमों को लगाना एक तरह का आखिरी मिनट का समाधान था, लेकिन इसने शहर पर एक गहरी छाप छोड़ दी है.
कोमल शुरुआत
बसंत में एक सुबह अचानक छोटी छोटी कलियां खिली हुई नजर आती हैं. बस तभी से स्थानीय लोग शर्त लगाने लगते हैं कि फूलों को पूरी तरह से खिलने और पेड़ों को पूरी तरह से संवरने में कितना वक्त लगेगा. कलियों की पंखुड़ियां एक बार पूरी तरह से खुलने लग जाएं, उसके बाद तो बस कुछ ही दिनों में पूरा आल्स्टाट इलाका एक गुलाबी समंदर में बदल जाता है.
एक गुलाबी चादर
कुछ पेड़ बाकियों के मुकाबले देर से खिलते हैं, क्योंकि पुराने शहर में अलग अलग तरह के चेरी ब्लॉसम लगाए गए हैं. कुछ सड़कों पर बाकियों के मुकाबले धूप ज्यादा आती है और इस वजह से अलग अलग इलाकों में अलग अलग वक्त पर पेड़ खिलते हैं. अमूमन पंखुड़ियां मार्च के अंत या अप्रैल की शुरुआत तक दिखनी शुरू हो जाती हैं.
प्रकृति का खेल
हालांकि पेड़ों के पूरी तरह से खिल जाने के बाद भी यह कहा नहीं जा सकता कि आप कब तक उनकी खूबसूरती को निहार सकेंगे. बसंत में जब भी कभी रातों में पारा गिर जाता है तो रात भर में ये गुलाबी फूल मुरझा कर भूरे हो जाते हैं. साल के इस समय मौसम खास तौर पर ऐसा हो जाता है जिसके बारे में कुछ कहा नहीं जा सकता और चेरी ब्लॉसम किसी भी तरह के बाहरी असर के प्रति काफी संवेदनशील होते हैं.
चेरी ब्लॉसम के साम्राज्य का द्वार
हीरस्ट्रास नाम की एक स्थानीय सड़क चेरी ब्लॉसम की अपनी छतरियों की वजह से हर साल बसंत में यहां का सबसे मशहूर पता बन जाती है. इसे दुनिया की 10 सबसे सुंदर सड़कों में शामिल भी किया गया है. इलाके की कई कॉफी की दुकानें, पब और कला दीर्घाएं इसे और आकर्षक बना देती हैं.
महामारी की मार
2012 तक बॉन के ये चेरी ब्लॉसम बस आस पास के इलाकों में ही जाने जाते थे, लेकिन उसके बाद फेसबुक और इंस्टाग्राम ने इन्हें अंतरराष्ट्रीय ख्याति दिला दी. लोनली प्लैनेट ट्रैवेल गाइड ने बॉन को 2020 में घूमने जाने के लिए दुनिया के 10 शीर्ष शहरों की सूची में शामिल भी किया, लेकिन फिर कोरोना वायरस महामारी आ गई.
सुरक्षा और सामाजिक दूरी
महामारी अब दूसरे साल में है, जिसे देखते हुए शहर के प्रशासन ने पर्यटकों से कहा है कि वो इस साल चेरी ब्लॉसम देखने ना आएं. स्थानीय अधिकारी सड़कों पर गश्त लगा रहे हैं ताकि लोगों को बड़ी संख्या में इकठ्ठा होने से रोका जा सके. आल्स्टाट में तो और ज्यादा सख्ती बरती जा रही है.
ईस्टर ब्लॉसम
अमूमन चेरी ब्लॉसमों के त्योहार का समापन आल्स्टाट की सड़कों पर सालों से एक जश्न के रूप में होता है. चेरी ब्लॉसम की पंखुड़ियों से एक स्थानीय कॉकटेल भी बनाई जाती है. हालांकि 2020 और 2021 तो क्वारंटाइन में ही निकल गए. हां इस साल खास बात यह रही कि चेरी ब्लॉसम ईस्टर के मौके पर आए.
यह वक्त भी गुजर जाएगा
चेरी ब्लॉसम मूल रूप से जापान में पाए जाते हैं, जहां उन्हें 'सकूरा' कहा जाता है. इन पेड़ों के देखने को 'हनामी' कहा जाता है और यह शब्द अब बॉन के लोगों की बीच भी अपनी जगह बना रहा है. जापान में चेरी ब्लॉसमों के आने को बदलाव का सूचक माना जाता है. आप इन्हें देख कर इस उम्मीद का दामन थाम सकते हैं कि महामारी का यह मुश्किल समय भी गुजर जाएगा और एक दिन बदलाव जरूर आएगा. - सेरतन सैंडर्सन