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फ़िलीपींस नरसंहारः मतृकों की संख्या 46 हुई

२४ नवम्बर २००९

फ़िलीपींस में सोमवार को हुए नरसंहार में मरने वालों की तादाद 46 तक पहुंच गई है. अगले साल होने वाले चुनावों के लिए नामांकन भरने जा रहे राजनेताओं के काफ़िले पर कुछ बंदूकधारियों ने हमला कर दिया था. इलाक़े में इमरजेंसी.

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वह जगह जहां राजनीतिक कार्यकर्ताओं और पत्रकारों को बंधक बनाया गयातस्वीर: AP

इस काफ़िले में नेताओं के समर्थकों के साथ-साथ कई मीडियाकर्मियों के भी मारे जाने की ख़बर है. दक्षिण फिलीपींस में मंगलवार को एक सामूहिक क़ब्र में कुछ और लाशें मिली हैं जिसके बाद मरने वालों की संख्या बढ़कर 46 तक पहुंच गई है. यह क़ब्र फिलीपींस के उसी दक्षिणी क्षेत्र में मिली जहां सोमवार को यह हिंसा हुई. बताया जा रहा है कि मरने वाले वही लोग हैं जिन्हें बंदूकधारियों ने बंधक बनाया था. इस नरसंहार के बाद देश के दक्षिणी हिस्सों में इमरजेंसी की घोषणा की गई है.

इस हमले की फ़िलीपींस में ही नहीं, पूरे विश्व में कड़ी निंदा हो रही है. मरने वालों में 12 पत्रकार थे. इस घटना के बाद मीडियाकर्मियों के लिए लंबे समय से असुरक्षित माना जाने वाला फ़िलीपींस एक बार फिर दुनियाभर के पत्रकार संगठनों के निशाने पर आ गया है. फ़िलीपींस के स्थानीय टीवी चैनल के स्टेशन प्रमुख जे सौंज़ा ने इस हमले आक्रोश ज़ाहिर करते हुए कहा कि लोकतंत्र का चौथा स्तंभ माने जाने वाले मीडिया पर तो इस तरह के हमले युद्ध भूमि पर भी कभी नहीं हुए हैं.

ये हमला उस समय हुआ जब इस्माएल मंगुदादातु, दक्षिण फ़िलीपींस के मागुइंदानाओ प्रांत के गवर्नर के पद के लिए होने वाले चुनावों के नामांकन करने जा रहे थे. इस प्रांत के गवर्नर की गद्दी पिछले नौ सालों से राष्ट्रपति अरोयो के ख़ास साथी अंदल अंपातुआन ने संभाली हुई है. आरोप यह भी है कि अंदल अंपातुआन के इशारे पर ही बंदूक़धारियों ने इस हमले को अंजाम दिया. ताकि मंगुदादातु पर्चा ही न भर पाएं. मरने वालों में मंगुदादातु की पत्नी और कई दूसरे रिश्तेदार भी शामिल हैं.

ग़ौरतलब है कि जो पत्रकार आमतौर पर मंगुदादातु के सभी समारोह में उपस्थित रहा करते थे, वे हमले के डर के कारण ही इस बार उनके काफ़िले में शामिल नहीं हुए. हमले से कुछ दिन पहले ही न्यूयॉर्क स्थित एक समिति ने फ़िलीपींस को पत्रकारों की सुरक्षा के मामले में चौथा सबसे ख़तरनाक देश घोषित किया था.

रिपोर्टः एजेंसियां/तनुश्री सचदेव

संपादनः ए कुमार