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फंस गई जी36 असॉल्ट रायफल बनाने वाली कंपनी

२२ फ़रवरी २०१९

5 सेकेंड में 30 राउंड फायर करने वाली जर्मनी की जी36 असॉल्ट रायफल मेक्सिको तक कैसे पहुंची? मेक्सिको के बड़े हत्याकांड की यह जांच जब जर्मनी तक पहुंची तो हथियार कंपनी और उसके दो कर्मचारियों की भूमिका नजर आने लगी.

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Deutsche Rüstungsexporte Soldatin der Jägertruppe mit Heckler & Koch Sturmgewehr
तस्वीर: picture-alliance/Tank-Masters.de/R. Zwilling

ड्रग्स तस्करी और हिंसा से प्रभावित मेक्सिको तक जर्मनी की करीब 4,500 जी36 असॉल्ट रायफलें और मशीनगनें पहुंची. हथियारों की इतनी बड़ी खेप की 2006 से 2009 के बीच सप्लाई हुई. हथियारों का दाम 41 लाख यूरो था. जांच में पता चला कि इन हथियारों का इस्तेमाल मेक्सिको के छह छात्रों की हत्या में किया गया.

शक है कि मेक्सिको में 2014 में 43 छात्रों की सामूहिक हत्या में भी इन्हीं असॉल्ट रायफलों का इस्तेमाल किया गया. प्रशासन के साथ झड़प के बाद 26 सितंबर को छात्रों का समूह प्रदर्शन के लिए राजधानी मेक्सिको सिटी का रुख कर रहा था. लेकिन रास्ते में सारे छात्र गायब हो गए. बाद में पता चला कि छात्रों को पहले एक पुलिस स्टेशन ले जाया गया था. नवंबर 2014 में मेक्सिको एटॉर्नी जनरल जेसुस काराम ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि कोकुला नदी के पास इंसानी अवशेषों से भरे कई प्लास्टिक बैग मिले हैं. आशंका जताई गई कि ये अवशेष उन्हीं लापता छात्रों के थे. इस मामले में 80 संदिग्धों को गिरफ्तार किया गया, जिनमें से 44 पुलिस अधिकारी हैं.

Mexiko Proteste Jahrestag vermisste Studenten aus Ayotzinapa
मेक्सिको में लापता छात्रों के समर्थन में प्रदर्शनतस्वीर: Getty Images/AFP/Y. Cortez

इन मामलों की जांच जर्मन हथियार कंपनी हेकलर एंड कॉख तक पहुंची. कंपनी के दो पूर्व कर्मचारियों पर जर्मनी के वॉर वेपन कंट्रोल एक्ट और फॉरेन ट्रेड एक्ट का उल्लंघन करने का आरोप तय किया गया. सुनवाई के बाद जर्मन शहर श्टुटगार्ट की अदालत ने हेकलर एंड कॉख के दोनों पूर्व कर्मचारियों को जेल की निलंबित सजा सुनाई. एक को 17 महीने की और दूसरे दोषी को 22 महीने की निलंबित जेल की सजा सुनाई गई. अदालत ने हथियार कंपनी पर भी 37 लाख यूरो का जुर्माना ठोका है.

जर्मनी की सभी हथियार कंपनियों को विदेशों में कोई भी हथियार बेचने से पहले चांसलर और वरिष्ठ मंत्रियों वाले विशेष पैनल की मंजूरी लेनी पड़ती है. इस मंजूरी के बिना कंपनियां दूसरे देशों को हथियार नहीं बेच सकती हैं. लेकिन जांच में पता चला कि हेकलर एंड कॉख ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर मेक्सिको को हथियार बेचे.

Sturmgewehr G36 Heckler und Koch
बेहद घातक मानी जाती है एचके की जी36 असॉल्ट रायफलतस्वीर: picture-alliance/dpa/B. Weißbrod

हथियार कंपनी के खिलाफ 2010 में एनजीओ ग्लोबल नेट-स्टॉप द आर्म्स के प्रवक्ता युर्गेन ग्रैसलिन ने मुकदमा दायर किया. तफ्तीश में पता चला कि स्पष्ट रूप से फर्जी दिखने वाले दस्तावेजों के बावजूद कंपनी ने मेक्सिको के हिंसाग्रस्त इलाके में रायफलें और मशीनगनें डिलीवर कीं. अदालत के फैसले का स्वागत करते हुए ग्रैसलिन ने कहा, "जर्मन संघीय गणतंत्र के इतिहास में किसी हथियार कंपनी के खिलाफ कोई आपराधिक मुकदमा इतना नहीं चमका."

एनजीओ के प्रवक्ता ने फैसले को हथियारों को नियंत्रित करने वाले सरकारी तंत्र की नाकामी की भयावहता भी बताया. हालांकि जज ने साफ किया कि यह देश की हथियार नीति के खिलाफ फैसला नहीं है.

बीते सालों में जर्मनी की हथियार निर्यात नीति भारी विवादों में रही है. नीति के मुताबिक जर्मनी हिंसक विवाद के पक्षकार देशों को हथियार नहीं बचेगा. लेकिन बीते सालों में जर्मनी ने सऊदी अरब को अरबों डॉलर के टैंक और हथियार बेचे. सऊदी अरब यमन में जारी हिंसक गृह युद्ध में सक्रिय भूमिका निभा रहा है. काफी विवाद के बाद जर्मनी ने 2018 में सऊदी अरब को हथियार न बेचने का फैसला किया.

ओएसजे/आरपी (डीपीए)