प्रवासी पक्षी दिवस
हर साल मई के दूसरे सप्ताहांत में दुनिया के प्रवासी पक्षियों का दिन होता है. हजारों मीलों की सैर करने वाले इन खास पक्षियों के प्रति जागरूकता फैलाने की दृष्टि से ये दिन मनाया जाता है.
हवाओं पर बसेरा
जहां गर्मियों का मौसम शुरू हुआ नहीं कि यूरोप की ओर हजारों पक्षी आने लगते हैं. जैसे कि यह सारस.
ठंडा वसंत
अफ्रीका में ठंड गुजारने के बाद ये पंछी अंडे देने यूरोप आते हैं. हालांकि जब ये सारस पोलैंड पहुंचे तो मौसम बर्फीला था. अच्छी किस्मत और खुशी के प्रतीक इन पक्षियों को मरने से बचाने के लिए इमरजेंसी कार्यक्रम चलाए गए.
सफेद पेलिकन
इस्राएल में कई पक्षी रुकते हैं. खास तौर पर सफेद पेलिकन. हवासील नाम का ये पक्षी छह से आठ किलोग्राम का होता और इसका पंख करीब तीन मीटर लंबा होता है. दुनिया के सबसे बड़े माइग्रेटरी पक्षियों में ये शामिल है.
टुंड्रा से उड़ते हुए
साइबेरियाई सारस आर्कटिक टुंड्रा के निवासियों के लिए पवित्र हैं. यह करीब 10,000 मील की यात्रा करते हैं. हालांकि शिकार और निवास खत्म होने के कारण ये पक्षी खतरे में हैं. 2010 के आंकड़ों के मुताबिक इनकी संख्या दुनिया भर में सिर्फ 3,200 थी.
खास आवाज
लुब्ल्याना का घास मैदान इस चिड़िया का घर है. स्लोवेनिया के इस इलाके में कई पक्षी रुकते हैं. अफ्रीका से ब्रिटेन जाने वाली भूरे रंग की ये नर चिड़िया खास आसाज निकालती है. और मादा को रिझाने के लिए रात में कम से कम 10,000 बार इसे दोहराती है.
गर्मियों का मजा
मध्य यूरोप में पाई जाने वाली ये ब्लैककैप चिड़िया. ये जर्मनी और ऑस्ट्रिया में गर्मियां गुजारती है. अब अक्सर ये दक्षिणी इंग्लैंड भी जाती है. विशेषज्ञों का मानना है कि ये बदलाव जलवायु परिवर्तन के कारण हो रहा है.
मुश्किल सफर
यह प्रवास पक्षियों के लिए मुश्किल भी साबित हो सकता है. थकान इन चिड़ियाओं को जानलेवा हालात में डाल सकती है. कई बार इनके अलावा शिकार होने का, बीमार या भूखे मरने का खतरा भी इन पर मंडराता है.
गीली जमीन की सुरक्षा
बुल्गारिया और रोमेनिया ने हाल में तीन दलदली इलाकों को सुरक्षित रखने के लिए साझा करार किया है. इसमें बुल्गारिया की स्रेबार्ना झील, रोमेनिया की कालार्सी और तीन अन्य झीलों वाला इलाका शामिल है.
विश्व धरोहर
जर्मनी और नीदरलैंड्स के उत्तरी किनारे वाला वॉडेन सी प्रवासी पक्षियों की खास जगह है. यहां करीब 61 लाख पक्षी एक समय पर मौजूद हो सकते हैं. हर साल यहां से एक करोड़ प्रवासी पक्षी गुजरते हैं.