प्रदूषण से झील में आग
१७ फ़रवरी २०१७कर्नाटक की बेलंदूर झील में गुरुवार शाम लगी आग का कारण किनारे जमा रसायनिक कचरे को माना जा रहा है. अग्निशमन दल से जुड़े अधिकारी आर बास्वान ने बताया कि लोग इस झील के आसपास रासायनिक कचरे भी फेंक देते हैं और इसी के चलते यहां पहले भी दो बार आग लग चुकी है लेकिन इस बार आग पहले के मुकाबले अधिक भीषण थी.
एनडीटीवी चैनल के मुताबिक आग झील के पानी में हुई रासायनिक क्रिया की वजह से लगी और सूखे पत्तों तक पहुंची. तीन घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया जा सका.
साल 2015 में आम लोगों ने भी बेलंदूर झील से रासायनिक झाग जैसे किसी पदार्थ के निकलने की शिकायत दर्ज कराई थी. वहीं साल 2016 में उलसूर झील के किनारों पर हजारों मरी मछलियां बहा दी गईं. विशेषज्ञों के मुताबिक पानी में जमे कचरे के चलते झील में झाग पैदा हुआ जिसके चलते इसमें आग लगी.
कर्नाटक राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने पिछले साल एक विशेषज्ञ समिति का गठन किया था. इस समिति ने शहर में मौजूद जलस्रोतों की साफ-सफाई से लेकर इनमें दोबारा जान डालने के लिए सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट लगाने जैसे कई सुझाव दिए थे.
एए/ओएसजे (पीटीआई)
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