प्रकाशकों को आईना दिखाने वाली किताबें
दुनिया में ऐसे तमाम लेखक आए जिनके उपन्यासों को बेहद पसंद किया गया. लेकिन इनमें से कुछ ऐेसे भी थे जिनकी कहानियों को पहले प्रकाशकों ने छापने से ही इनकार कर दिया. लेकिन जब ये कहानियां छपी तो इन्होंने इतिहास बना दिया.
हैरी पॉटर (Harry Potter)
ब्रिटिश लेखिका जेके रॉलिंग की किताब हैरी पॉटर के अब कई भाग बाजार में आ चुके हैं. लेकिन एक दौर वह भी था जब कोई प्रकाशक इसकी मैनुस्क्रिप्ट तक देखने को तैयार नहीं था. रॉलिंग को कई प्रकाशकों ने सिरे से नकार दिया. लेकिन रॉलिंग अपनी पहली किताब ब्रिटेन के एक छोटे से प्रकाशक से छपवाने में सफल रहीं. तब से लेकर अब तक हैरी पॉटर के तमाम भाग आ चुके हैं.
मॉबी डिक (Moby Dick)
कई प्रकाशकों ने कप्तान अहाब और सफेद व्हेलों के साथ उनके एनकांउटर की इस कहानी को छापने से मना कर दिया था. लेखक हरमन मेलविल से कहा गया कि कहानी बेहद ही लंबी है और क्या इसमें व्हेल की जगह आकर्षक मादाओं को शामिल नहीं किया जा सकता. हालांकि किताब साल 1851 में जैसे-तैसे छप गई. मेलविल के जीवन काल में इसे कभी व्यावसायिक सफलता नहीं मिली, लेकिन आज इसे अमेरिकी साहित्य की एक महान रचना माना जाता है.
द स्पाई हू केम इन फॉर्म द कोल्ड (The Spy Who Came in from the Cold)
शीत युद्ध से जुड़े इस उपन्यास को दुनिया ने पसंद किया. उपन्यास इंटरनेशनल बेस्टसेलर की कैटेगिरी में शामिल हुआ. लेकिन एक वक्त था जब लेखक जॉन ले कैरे की इस रचना को रिव्यूअर ने यह सोचकर खारिज कर दिया कि इस लेखक का कोई भविष्य ही नहीं है. लेकिन साल 1963 में यह उपन्यास छपा और इसी साल कहानी को बेस्ट क्राइम नोवेल का गोल्ड डैगर अवार्ड मिला. दो साल बाद इस उपन्यास पर फिल्म बनी.
कैरी (Carrie)
कैरी, एक ऐसी लड़की की कहानी है जिसके पास टेलीकाइनैटिक शक्तियां होती है. टेलीकाइनैटिक शक्ति मतलब मस्तिष्क की ऐसी शक्तियां जिससे वह किसी वस्तु को बिना छुए स्थानातंरित कर सके. छपने से पहले यह उपन्यास तकरीबन 30 बार खारिज हुआ. लेकिन साल 1974 में जैसे-तैसे छप गया. यह एक हाई स्कूल टीचर स्टीफन किंग का लिखा पहला उपन्यास था. बाद में इस पर फिल्म भी बनी. लेखक किंग बेस्ट सेलर ऑथर की श्रेणी में शामिल हुए.
द टेल ऑफ पीटर रैबिट (The Tale of Peter Rabbit)
तमाम प्रकाशकों ने ब्रिटिश लेखक बीट्रिक्स पोटर की बच्चों के लिए तैयार की गई इस किताब की मैन्युस्क्रिप्ट को सिरे से नकार दिया. यह कहानी एक शरारती खरगोश की है. तमाम जगह से ना सुनने के बाद लेखक ने इसे स्वयं छापने का निर्णय लिया. किताब की 4.5 करोड़ प्रतियां बिकी और कई भाषाओं में इसका अनुवाद हुआ. इसे आज भी एक नर्सरी क्लासिक माना जाता है.
लॉर्ड ऑफ द फ्लाइज (Lord of the Flies)
विलियम गोल्डिंग की इस रचना को करीब 20 बार खारिज किया गया. एक लेखक ने इसे बेहद ही बकवास और बेतुकी कल्पना कहा था. लेकिन साल 1954 में यह छपी. यह कहानी स्कूल में पढ़ने वाले लड़कों के एक समूह की है जो एक निर्जीव से द्वीप में जिंदगी के लिए संघर्ष करते हैं. इस उपन्यास को दुनिया के कई देशों में बच्चों के हाई स्कूल पाठ्यक्रम में शामिल किया गया है. साथ ही इसे कई बार रुपहले पर्दे पर भी उतारा जा चुका है.
लोलिता (Lolita)
एक बुजुर्ग प्रोफेसर और एक युवा लड़की की यह कहानी साल 1955 में फ्रांस में छपी और इसके तीन साल बाद अमेरिका में. इस पर कई नाटक खेले गए और फिल्मों में भी इस कहानी को दिखाया गया. लेकिन रूसी-अमेरिकन लेखक वाल्दमिर नावोकोव को इसे छपवाने के लिए कई प्रकाशकों के चक्कर लगाने पड़े. एक प्रकाशक ने उन्हें यह तक सलाह दे डाली कि इस रचना को जला देना चाहिए. लेकिन जब यह छपी तो दुनिया ने इसे खूब पसंद किया.
गोन विद द विंड (Gone with the Wind)
गृह युद्ध की कहानी बयां करते इस उपन्यास की लेखिका मार्ग्रेट मिचेल को इसके छपने के एक साल बाद 1937 में पुलित्जर पुरस्कार मिला. लेकिन 1000 पन्नों के इस नोवेल को करीब 38 बार प्रकाशकों से ना सुनना पड़ा. लेकिन दो साल बाद इस पर फिल्म बनी जिसने करीब आठ ऑस्कर अवॉर्ड जीते. साथ ही फिल्म हॉलीवुड की बेशुमार कमाई करने वाली फिल्मों में शामिल हुई. (डागमर ब्रेटनबाख/एए)
______________
हमसे जुड़ें: WhatsApp | Facebook | Twitter | YouTube | GooglePlay |