1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

पोलैंड में रुढ़िवादी पार्टी पीआईएस फिर जीती

१४ अक्टूबर २०१९

पोलैंड की सत्ताधारी रुढ़िवादी लॉ एंड जस्टिस पार्टी के संसदीय चुनावों में 43.6 फीसदी वोट मिले. शुरुआती नतीजों में पार्टी की और बड़ी जीत मिलती दिख रही थी. दूसरे नंबर पर रहे सिविल कोएलिसन को करीब 27.4 फीसदी वोट मिले हैं.

https://p.dw.com/p/3RF0y
Polen Nationalkonservative PiS-Partei gewinnt Parlamentswahl
तस्वीर: AP/D. Bandic

पोलैंड में करीब 83 फीसदी पोलिंग बूथों से मिले आंकड़ों के आधार पर जो नतीजे आए उनसे साफ है कि लॉ एंड जस्टिस पार्टी यानी पीआईएस ने एक बार फिर जीत हासिल कर ली है. ये आंकड़े चुनाव आयोग पीकेडब्ल्यू की वेबसाइट पर डाले गए हैं. आयोग ने अभी यह नहीं बताया है कि रविवार को हुए चुनावों के आधार पर कितनी सीटें किस पार्टी को मिलेंगी. यह लगभग साफ है कि निचले सदन में पीआईएस को स्पष्ट बहुमत मिल जाएगा. मध्यमार्गी पीओ के नेतृत्व वाले सिविक कोएलिशन को महज 26.1 फीसदी वोट मिले हैं और वह सत्ताधारी दल से काफी पिछड़ गई है.

एक्जिट पोल के आंकड़ों से अगर तुलना करें तो पीआईएस का समर्थन करीब 1.5 फीसदी बढ़ा है जबकि सिविक कोएलिशन को मिले वोट का आंकड़ा उम्मीद से थोड़ा कम रहा है. तीन वामपंथी पार्टियों के गठबंधन से बने डेमोक्रैटिक लेफ्ट अलायंस यानी एसएलडी संसद में तीसरी बड़ी ताकत के रूप में उभरी है. इस गठबंधन को करीब 12.4 फीसदी वोट मिले हैं. इसके साथ ही राष्ट्रवादी पार्टी लिबर्टेरियन कंफेडरेशन  फ्रीडम एंड इंडेपेंडेंस को 6.4 फीसदी वोट मिले हैं.

ये नतीजे यह भी बता रहे हैं कि पीआईएस ऊपरी सदन सीनेट में भी आराम से बहुमत हासिल कर लेगी. सीनेट के लिए 100 सदस्यों का चुनाव फर्स्ट पास्ट द पोस्ट सिस्टम से किया जाता है. चुनाव के नतीजे सोमवार शाम या मंगलवार की सुबह तक आ जाएंगे.

Polen Parlamentswahl PiS Sieger  Mateusz Morawiecki
प्रधानमंत्री मातेउस मोराविएत्स्कीतस्वीर: picture-alliance/Zuma/G. Banaszak

राजनीति पर नजर रखने वाले इस चुनाव को पोलैंड के लिए 1989 के बाद का सबसे अहम चुनाव बता रहे हैं. 1989 में पोलैंड में लोकतंत्र ने अपने पांव फैलाने शुरू किए थे. इसी वक्त देश पीपुल्स रिब्लिक ऑफ पोलैंड से रिपब्लिक ऑफ पोलैंड हुआ. देश साम्यवाद से समाजवादी लोकतंत्र की तरफ बढ़ा. इसके साथ ही दूसरे विश्व युद्ध के बाद 1948 से देश की सत्ता पर काबिज कम्युनिस्ट पोलिश यूनाइटेड वर्कर्स पार्टी का अंत हो गया. 

सरकार के आलोचकों का कहना है कि पीआईएस के एक और कार्यकाल का मतलब है कि देश उदार लोकतंत्र की तरफ और यूरोपीय संघ से टकराव के रास्ते पर आगे बढ़ेगा. खासतौर से न्यायपालिका में विवादित सुधारों को लेकर. हालांकि बहुत से मतदाता इस तरह के संस्थागत सुधारों को बहुत महत्व नहीं देते. इसके बजाय उनके लिए सामाजिक सुरक्षा का बढ़ा दायरा ज्यादा अहम है. इसकी शुरुआत पीआईएस ने पहले कार्यकाल में की थी. इसके तहत हर परिवार को प्रति बच्चे के लिए करीब 90 डॉलर प्रति माह देने की व्यवस्था की गई है. इसके साथ ही पार्टी का रुढ़िवादी मूल्यों से जुड़ाव भी उनके लिए अहम है.  पिछले कुछ सालों में देश की अर्थव्यवस्था भी तेज रफ्तार से बढ़ी है.

एनआर/एमजे (डीपीए)

__________________________

हमसे जुड़ें: WhatsApp | Facebook | Twitter | YouTube | GooglePlay | AppStore