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पेशावर में पोलियो

१८ जनवरी २०१४

जिस वक्त भारत देश से पोलियो खत्म होने का जश्न मना रहा है, पड़ोसी देश पाकिस्तान को दुनिया के सबसे बड़े पोलियो केंद्र के दाग के साथ जीना पड़ रहा है. पेशावर को "पोलियो का गढ़" घोषित किया गया है.

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Polioimpfung in Pakistan
तस्वीर: AP

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के आंकड़ों के मुताबिक दुनिया में सिर्फ तीन ही देशों में पोलियो का खतरा बचा है और पाकिस्तान उनमें से एक है. जहां तक पाकिस्तान के अंदर की बात है, हर तीसरा मामला कहीं न कहीं पेशावर से जुड़ा है. पेशावर खैबर पख्तूनख्वाह की राजधानी है और आस पास तालिबान का गढ़ है. इन इलाकों को ही पोलियो के सबसे संक्रामक इलाकों में गिना जाता है.

पाकिस्तान में पोलियो के खिलाफ अभियान तालिबान की वजह से बुरी तरह प्रभावित हुआ है. एक तो तालिबान का आरोप है कि इसकी आड़ में पश्चिमी देश जासूसी करते हैं और दूसरे उनका कहना है कि पोलियो की खुराक से "मर्दानगी खत्म" हो सकती है. डब्ल्यूएचओ ने एक बयान में कहा, "पाकिस्तान के 90 फीसदी से ज्यादा आनुवांशिक पोलियो के मामले पेशावर से जुड़े हैं. अब यह शहर पूरी दुनिया में पोलियो का सबसे बड़ा पनाहगाह बन गया है."

Polio in Khyber Pakhtunkhwa, Pakistan
सुरक्षा में टीकातस्वीर: DW/M. Ayub Sumbal

भारत की कामयाबी

वैश्विक संगठन का कहना है कि यूं तो अफगानिस्तान और नाइजीरिया में भी पोलियो के मामले बचे हुए हैं लेकिन 2012-13 के दौरान सिर्फ पाकिस्तान में इस मर्ज में इजाफा हुआ. टेस्ट से पता चला है कि पाकिस्तान के 91 में से 83 पोलियो के मामले आनुवांशिक तौर पर पेशावर से जुड़े थे, जबकि अफगानिस्तान के 13 में से 12 मामले भी पेशावर से संबद्धित रहे.

डब्ल्यूएचओ एक तरफ पाकिस्तान को पोलियो का गढ़ बता रहा है, ठीक उसी वक्त भारत ने इस बीमारी पर विजय पा ली है. पिछले तीन साल में भारत में पोलियो का एक भी मामला सामने नहीं आया है और अब यह पोलियो मुक्त देश हो गया है. यह भारत के लिए एक महान कामयाबी है क्योंकि सिर्फ पांच साल पहले दुनिया भर के पोलियो के आधे मामले सिर्फ भारत में थे.

तालिबान का कहर

डब्ल्यूएचओ का कहना है कि पिछले छह महीने के दौरान पेशावर में जल निकासी से लिया गया हर एक नमूना पोलियो के वायरस से ग्रस्त पाया गया. करीब 40 लाख की आबादी वाला शहर उत्तर पश्चिम पाकिस्तान का प्रमुख केंद्र है और बहुत बड़ी आबादी पेशावर से होकर गुजरती है. डब्ल्यूएचओ के बयान में कहा गया, "जितनी ज्यादा आबादी पेशावर से होकर गुजरती है, पोलियो वायरस बढ़ने का खतरा उतना ही ज्यादा होता है."

तालिबान ने 2012 में पोलियो के टीकाकरण पर रोक लगा दी. इसके बाद से पोलियो उन्मूलन में लगे कार्यकर्ताओं पर तालिबान हमले भी करता आया है. हाल ही में एक बंदूकधारी ने पेशावर में उस अधिकारी को मार डाला, जो पोलियो के टीकाकरण में लगा था. डब्ल्यूएचओ के पाकिस्तान में तैनात समन्वयक एलियास दुर्री का कहना है कि कुछ इलाकों में वायरस का जोर है और मेडिकल टीम का वहां जाना बहुत ज्यादा खतरनाक है.

उनका कहना है कि कामयाबी हासिल करने के लिए पहले सुरक्षा की व्यवस्था करनी होगी. पिछले महीने पाकिस्तान के नेता और पूर्व क्रिकेट खिलाड़ी इमरान खान ने लोगों से अपील की कि वे पोलियो से निपटारे में मिल कर कदम उठाएं. इस सिलसिले में इमरान ने मौलाना समीउल हक के पोते को पोलियो की खुराक पिलाई. मौलाना हक को तालिबान का दादा कहा जाता है. इसके बाद मौलाना ने फतवा जारी किया कि लोगों को अपने बच्चों को पोलियो की खुराक दिलवानी चाहिए.

एजेए/आईबी (एएफपी)

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