पैगंबर की फिल्म पर हंगामा
ईरान की सबसे महंगी फिल्म "मुहम्मद" पिछले हफ्ते रिलीज हुई है. शिया जगत में इसे तारीफ मिली है, लेकिन सऊदी अरब के ग्रैंड मुफ्ती ने फिल्म की आलोचना की है. उन्होंने कहा है कि इस्लाम को तोड़ मरोड़ कर पेश किया गया है.
सबसे महंगी फिल्म
निदेशक माजिद माजिदी की सात साल में बनी करीब तीन घंटे की इस फिल्म के निर्माण पर 3.6 करोड़ यूरो का खर्च आया है. इससे पहले मुस्तफा अक्कड ने 1976 में "मुहम्मद मैसेंजर ऑफ गॉड" बनाई थी.
क्यों बनी यह फिल्म
ईरान के माजिद माजिदी इस फिल्म के निदेशक हैं. उनका कहना है कि तीन भागों में बनने वाली इस फिल्म का मकसद इस्लाम की सही छवि को फिर से बरकरार करना है, जिसे उग्रपंथियों ने हिंसक बना दिया है.
दर्शकों में लोकप्रिय
मुहम्मद फिल्म की होर्डिंग के साथ ईरान के एक रास्ते की तस्वीर. सात साल में बनी फिल्म ने दर्शकों के दिलों में जगह बनाई है. ज्यादातर दर्शकों ने फिल्म की तारीफ कर रहे है. सिनेमा हॉल भरे हुए हैं.
रहमान का मैजिक
यह फिल्म बड़े बजट की तो है ही, इसमें बड़े बड़े नाम भी हैं. ऑस्कर विजेता वितोरो स्तोरारो इसके सिनेमाटोग्राफर हैं और भारत के प्रसिद्ध ऑस्कर विजेता म्यूजिक डाइरेक्टर एआर रहमान ने इसमें संगीत दिया है.
फिल्म की कहानी
फिल्म ने 1400 साल पुराने सऊदी अरब की तस्वीर खींची है. फिल्म भावी पैगंबर की चमत्कारी पैदाइश से लेकर उनकी किशोरावस्था तक की कहानी कहती है और चमत्कारों से भरी हुई है.
पैगंबर की मर्यादा
पैगंबर की मर्यादा की रक्षा के लिए फिल्म को फरवरी में हुए ईरान के प्रमुख फिल्म महोत्सव, फग्र महोत्सव में प्रतियोगिता खंड से बाहर रखा गया. महोत्सव में फिल्म मुहम्मद का विशेष शो किया गया.
समर्थन और आलोचना
शिया संप्रदाय के लोगों ने फिल्म का समर्थन किया है तो सुन्नी समुदाय के लोग इस पर रोक लगाने की मांग कर रहे हैं. सुन्नी विचारधारा के अनुसार पैगंबर को पर्दे पर दिखाना वर्जित है.