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पेट्रोल, डीजल वाले यहां न आएं

१४ अक्टूबर २०१७

तीन साल बाद इंग्लैंड के एक शहर में न तो पेट्रोल कारें चलेंगी, न ही डीजल. शहर का केंद्र पूरी तरह उत्सर्जन मुक्त इलाका बनेगा.

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Literaturfestival in Karachi Pakistan
तस्वीर: DW/S. Khan

ऑक्सफोर्ड शहर अपनी यूनिवर्सिटी के लिए मशहूर है. लेकिन अब शहर प्रदूषण के खिलाफ मिसाल पेश करने की तैयारी कर रहा है. गाड़ियों की वजह से होने वाले प्रदूषण को कैसे कम किया जाएगा, इस पर भले ही ब्रिटेन की सरकार लंदन में चर्चा कर रही हो, लेकिन ऑक्सफोर्ड ने अपनी योजना सामने रख दी है. प्लान के मुताबिक, 2020 से ऑक्सफोर्ड के सिटी सेंटर में पेट्रोल और डीजल से चलने वाली गाड़ियां दाखिल नहीं हो सकेंगी. सिटी सेंटर "जीरो इमिशन जोन" बनेगा.

दुनिया के ज्यादातर शहरों में हवा की क्वालिटी बेहद खराब है. 2015 में जर्मन कार निर्माता कंपनी फोल्क्सवागेन ने माना कि उसने डीजल कारों के धोखा देने वाला उपकरण फिट किया. कंपनी ने एक सॉफ्टवेयर की मदद से जांच के दौरान उत्सर्जन को कम दिखाया, जबकि असल में फोक्ल्सवागेन की डीजल कारें कहीं ज्यादा प्रदूषण कर रही थीं. फोल्क्सवागेन के बाद दुनिया की अन्य बड़ी कंपनियां भी डीजलगेट में फंसी.

(क्या संभव है पेट्रोल और डीजल के बिना जीना)

इस बीच दुनिया भर के शहरों में डीजल कारों को प्रतिबंधित करने पर बहस चल रही है. पेरिस, मैड्रिड और एथेंस 2025 तक सिटी सेंटर में डीजल कारों की एंट्री बैन करने का लक्ष्य रख चुके हैं. ऑक्सफोर्ड सिटी काउंसिल बोर्ड के सदस्य जॉन टैनर कहते हैं, "हममें से जो भी ऑक्सफोर्ड में पेट्रोल या डीजल वाली कार चलाता है, वो शहर की हवा को जहरीला बनाने में भागीदार है.

हाइड्रोजन से चलने वाली कार

हर किसी को अपनी तरफ से छोटी सी पहल करनी होगी, केंद्र सरकार से लेकर स्थानीय प्रशासन को, कारोबारियों से लेकर लोगों तक को, तभी जन स्वास्थ्य के सामने मौजूद इस आपातकाल को खत्म किया जा सकेगा."

पेट्रोल और डीजल पर बैन के साथ ही इलेक्ट्रिक कारों और ई-टैक्सियों को बढ़ावा दिया जाएगा. 2020 के बाद धीरे धीरे जीरो इमिशन जोन का विस्तार किया जाएगा और 2035 तक शहर के बाहरी इलाके में भी इसमें शामिल किये जाएंगे.

(135 साल बाद इलेक्ट्रिक कारों की वापसी)

ओएसजे/एके (रॉयटर्स)