1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

सेना की तैनाती के बाद भी नहीं थम रहा विधेयक के खिलाफ विरोध

चारु कार्तिकेय
१२ दिसम्बर २०१९

नागरिकता संशोधन विधेयक पारित तो हो गया लेकिन इसके खिलाफ विरोध ने पूर्वोत्तर में हिंसक मोड़ ले लिया है. लोग कर्फ्यू की भी अवहेलना कर रहे हैं और पुलिस ने गोलीबारी भी की है. 

https://p.dw.com/p/3UfkB
Indien l Protest gegen Einbürgerungsgesetz
तस्वीर: Reuters/A. Hazarika

नागरिकता संशोधन विधेयक के राज्यसभा से भी पारित हो जाने के बाद बिल के संसद में विरोध की गुंजाइश तो खत्म हो गई लेकिन सड़कों पर बिल के खिलाफ विरोध लगातार जारी है. विरोध सबसे मुखर रूप से पूर्वोत्तर राज्यों में हो रहा है. असम और त्रिपुरा में भारी अशांति के बीच वहां सेना बुला ली गई है. गुवाहाटी में कर्फ्यू लगा दिया गया है और सेना फ्लैग मार्च कर रही है लेकिन ऐसी खबरें आ रही हैं कि लोग कर्फ्यू की अवहेलना कर अब भी सड़कों पर निकल कर आ रहे हैं. 

बताया जा रहा है कि पूरे राज्य में सेना की पांच टुकड़ियां तैनात कर दी गयी हैं. राजधानी गुवाहाटी के अलावा तिनसुकिया, डिब्रुगढ़ और जोरहाट जिलों में भी सेना को तैनात कर दिया गया है.

इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर असम के लोगों से कहा है कि उन्हें सीएबी पर चिंता करने की जरूरत नहीं है. प्रधानमंत्री ने लिखा है, "मैं असम के अपने भाइयों और बहनों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि सीएबी के पारित होने पर उन्हें कोई चिंता करने की जरूरत नहीं है. मैं उन्हें आश्वस्त करना चाहता हूं कि कोई भी आपके अधिकार, अलग पहचान और खुबसूरत संस्कृति को आपसे छीन नहीं सकता. यह फलती फूलती रहेगी."

गुवाहाटी और डिब्रुगढ़ से प्रदर्शनकारियों द्वारा पत्थरबाजी की भी खबरें आ रही हैं. खबर तो यह भी है कि मुख्यमंत्री सर्बानंदा सोनोवाल के घर पर भी पत्थरबाजी हुई. गुवाहाटी में पुलिस ने फायरिंग भी की है. 

ट्रेनों और हवाई उड़ानों पर भी इन प्रदर्शनों का असर पड़ा है. गुवाहाटी और डिब्रुगढ़ जाने वाली लगभग सभी उड़ानें रद्द हो गईं हैं. केवल असम ही नहीं त्रिपुरा जाने वाली सभी ट्रेनें भी रद्द कर दी गई हैं. 

देश के दूसरे कोनों में लोग विरोध के और तरीके भी अपना रहे हैं. बिल के पास होने के विरोध में इंस्पेक्टर जनरल रैंक के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी अब्दुर रहमान ने नौकरी से इस्तीफा दे दिया. उन्होंने इस्तीफे की घोषणा ट्विटर पर की. 

  

बिल के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका भी डाली जा चुकी है. इंडियन यूनियन मुस्लिम और चार सांसदों ने सुप्रीमकोर्ट में यह याचिका डाली है. ये सांसद हैं पीके कुन्हलिकुट्टी, ई टी मोहम्मद बशीर, अब्दुल वहाब और के नवास कनी.

 मुसलमानों के अलावा तीन पड़ोसी देशों से आने वाले 6 समुदायों के शरणार्थियों को नागरिकता देने वाला ये विधेयक लोकसभा से नौ दिसंबर को पारित हो गया था. 

लोकसभा की ही तरह, ऊपरी सदन में भी बिल पर लगभग 6 घंटों तक बहस हुई और अंत में मतदान के बाद बिल पारित हो गया. बताया जा रहा है कि सदन के कुल 240 सदस्यों में से बिल के समर्थन में 125 वोट और विरोध में 99 वोट पड़े. राज्यसभा में अंतर इतना कम होने का अर्थ है कि स्थिति नाजुक थी और किसी भी तरफ पलट सकती थी. समर्थकों की जीत होने का मतलब है विपक्ष की रणनीति कमजोर रही.

Indien l Protest gegen Einbürgerungsgesetz
तस्वीर: Reuters/A. Abidi

लोकसभा में बिल के समर्थकों और विरोधियों की संख्या में बहुत बड़ा अंतर था. 543 सदस्यों वाली लोकसभा में 311 वोट विधेयक के पक्ष में पड़े थे और महज 80 वोट विपक्ष में. अब यह राष्ट्रपति के पास हस्ताक्षर के लिए जाएगा. 

राज्य सभा में जिन दलों पर समीक्षकों की विशेष नजर थी, उनमें शिव सेना ने सदन का बहिष्कार कर दिया जिससे मतों की कुल संख्या ही कम हो गई और सरकार के लिए बिल पास कराना आसान हो गया. विपक्षी पार्टीयों में एनसीपी के कुल चार सदस्यों में से कम से कम दो, समाजवादी पार्टी के कुल नौ सदस्यों में से तीन और बसपा के कुल चार सदस्यों में से दो सदन में आये ही नहीं.

विपक्ष के सांसदों ने बिल का जमकर विरोध किया. कांग्रेस के सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री आनंद शर्मा ने कहा ये विधेयक भारतीय संविधान के बुनियादी मूल्यों पर, भारत के गणराज्य पर और भारत की आत्मा पर प्रहार करता है.

बिल के समर्थन में गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि बिल के पीछे कोई राजनीतिक एजेंडा नहीं है और इसका उद्देश्य है अपने अपने देशों से भागे हुए लाखों प्रताड़ित शरणार्थियों के कष्ट का निवारण करना. 

बिल पास होने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट किया कि उन्हें प्रसन्नता है कि बिल राज्यसभा से भी पास हो गया. उन्होंने कहा कि भारत के लिए और भारत की करुणा और भाईचारे के चरित्र के लिए एक युगांतकारी दिन है. 

__________________________

हमसे जुड़ें: WhatsApp | Facebook | Twitter | YouTube | GooglePlay | AppStore

इस विषय पर और जानकारी को स्किप करें

इस विषय पर और जानकारी