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पुरुष प्रधान एशिया में विरासत में आती महिला शासक

४ अगस्त २०११

एशिया में भले ही महिलाओं को सत्ता की चाबी मिल रही हो लेकिन अक्सर उन्हें यह जिम्मा निजी योग्यता के आधार पर नहीं बल्कि राजनीतिक वंश का होने के कारण मिल रहा है.

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थाईलैंड की पहली महिला प्रधानमंत्री होंगी यिंग्लुक शिनावात्रातस्वीर: dapd

यिंग्लुक शिनावात्रा थाइलैंड की पहली महिला प्रधानमंत्री बनने जा रही हैं. इसके बाद वह एशिया में उन महिलाओं की सूची में शामिल हो जाएंगी जो पावर और पॉलिटिक्स से जुड़े परिवार से आती हैं और सत्ता का सुख ले रही हैं. जानकारों के मुताबिक यह प्रवृत्ति महिला समानता के लिए एक मिश्रित आशीर्वाद जैसा है. राजनीति में नौसिखिये की तरह आने वाली शिनावात्रा चुनाव जीतने वाली नेता बनकर उभरी हैं. यिंग्लुक थाइलैंड के पूर्व प्रधानमंत्री थकसिन शिनावात्रा की बहन हैं. थकसिन लंदन और दुबई में स्वनिर्वासित जीवन बिता रहे हैं. लोकप्रिय रहे लेकिन सेना द्वारा हटा दिए गए थकसिन के वारिस के तौर पर यिंग्लुक शिनावात्रा गद्दी संभालेगी. यिंग्लुक के नेतृत्व में पूइया थाई पार्टी ने चुनाव जीता है. थाइलैंड की राजनीति में यिंग्लुक तेजी के साथ उभरी हैं. वे उन महिलाओं की सूची में शामिल होने जा रही हैं जिंहे परिवार के पुरुष सदस्य के बाद विरासत में गद्दी मिलने जा रही है और वह सत्ता पर काबिज होंगी.

विरासत में सत्ता

1960 में श्रीलंका केअपने पति की हत्या के बाद श्रीमावो भंडारनायके दुनिया की पहली महिला प्रधानमंत्री बनीं. 1986 में मारिया कोराजोन अकीनो पहली बार फिलिपींस की महिला राष्ट्रपति बनकर चर्चा में आई. भारत में भी पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के देश का नेतृत्व संभालने से पहले उनके पिता जवाहरलाल नेहरू सरकार संभाल चुके थे. इसी तरह से पाकिस्तान की पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो को भी राजनीति उनके पिता से विरासत में मिली. इंडोनेशिया की मेगावती सुकार्नोपुत्री भी अपने पिता की उत्तराधिकारी बनीं. आंग सान सू ची अपने पिता के नक्शेकदम पर चल सकती थी लेकिन म्यामांर के सैनिक शासन ने सू ची की 1990 की जीत को खारिज कर दिया. राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह चलन लिंग समानता की स्थिति में सुधार के बदले इलाके में राजनीतिक वंशों की व्यापकता के कारण है. थाइलैंड के चियांग माई शहर के पायप विश्वविद्यालय के वरिष्ठ शोधकर्ता पॉल चैंबर्स कहते हैं, परंपरा के मुताबिक एशिया की महिलाएं पुरुष प्रधान समाज में राजनेता नहीं बन पाती थी. लेकिन 'अविकसित' राजनीतिक पार्टियों ने जिनपर अमीर परिवार हावी हैं, महिलाओं के लिए अवसर पैदा किए हैं.

Flash-Galerie Rajiv Gandhi mit Indira Gandhi
तस्वीर: AP

परिवार पर ज्यादा भरोसा

Flash-Galerie Mächtige Politikerinnen Benazir Bhutto
तस्वीर: picture alliance/dpa

चैंबर्स बताते हैं, "पार्टी के नेताओं के लिए वंश महत्वपूर्ण है. परिवार के भीतर पार्टी का नेतृत्व बनाए रखने को वह ज्यादा भरोसेमंद मानते हैं. जब पुरुष नेता के पास पुरुष वारिस नहीं होता है तो वह महिलाओं की तरफ सत्ता बढ़ा देते हैं. " सिंगापुर मैनेजमेंट यूनिवर्सिटी के राजनीति विज्ञान के सहायक प्रोफेसर ब्रिजेट वेल्श जोर देते हैं, " बेनजीर भुट्टो के पति, पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी जैसे पुरुष भी इसी तरह से सत्ता में आए हैं. सच्चाई यह है कि इस तरह के सिस्टम पर उच्च वर्ग के पुरुष और महिलाएं हावी हैं. इन्हें उच्च वर्ग से ही सत्ता मिलती है." दुनिया के दूसरे हिस्सों में भी राजनीतिक वंशवाद देखा जा सकता है. लेकिन एशिया में ऐसी महिला नेताओं की कमी है जो किसी और तरीके से सत्ता में आईं हो. वेल्श कहते हैं यिंग्लुक को उनके प्रदर्शन के आधार पर परखा जाएगा.

भाई की क्लोन यिंग्लुक

44 साल की यिंग्लुक एक कारोबारी महिला हैं जिन्हें थकसिन अपना क्लोन मानते हैं. राजनीति में अगर खूबसूरत महिलाएं होती हैं तो उनके रंग रूप का भी असर देखने को मिलता है. हाल ही में भारत दौरे पर गईं पाकिस्तान की विदेश मंत्री हिना रब्बानी खर भी अपनी खूबसूरती की वजह से भारतीय मीडिया में ज्यादा चर्चा में रहीं. न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया की महिलाएं भी सत्ता में आईं लेकिन अपनी योग्यता की वजह से. ऐसा नहीं है कि महिला नेता होने से बराबरी और आजाद ख्याल कायम हो पाते हैं. ऑस्ट्रेलिया में जूलिया गिलार्ड के प्रधानमंत्री रहते एक लिंग विवाद पैदा हुआ, जब एक सीनेटर ने संसद में महिला मंत्री को बिल्ली की आवाज निकाल कर चिढ़ाया था. बांग्लादेश की राजनीति में भी महिलाओं को विरासत में कुर्सी मिली है. बेगम खालिदा जिया को उनके पति जियाउर रहमान की हत्या के बाद सत्ता हासिल हुई. जिया ने सबसे अधिक दस साल तक बांग्लादेश के प्रधानमंत्री के तौर राज किया. इसी तरह से शेख हसीना ने अपने पिता शेख मुजीबुर रहमान की हत्या के बाद मिली राजनीतिक विरासत को संभाला है.

Bangladesch Ministerpräsidentin Sheikh Hasina Wazed
तस्वीर: Picture-alliance/dpa

रिपोर्ट: एएफपी/ आमिर अंसारी

संपादन: महेश झा

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