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पुणे विस्फोट और भारत पाक बातचीत

१५ फ़रवरी २०१०

पुणे की जर्मन बेकरी में हुए बम धमाके से भारत और पाकिस्तान की बातचीत पर संशय के बादल उभर आए हैं. दोनों में लंबे समय बाद 25 फ़रवरी से बातचीत शुरू होने वाली थी. मुंबई के आतंकी हमले के बाद दोनों पड़ोसी देशों में तनाव है.

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भारतीय विदेश मंत्री एसएम कृष्णा और गृह मंत्री ने इस बारे में पूछे गए सभी सवालों को टाल दिया लेकिन विपक्षी पार्टी बीजेपी ने इस मुद्दे को हाथों हाथ लिया है. बीजेपी का कहना है कि भारत ने पाकिस्तान के साथ बातचीत शुरू करने में जल्दबाज़ी कर दी है.

भारतीय प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने भी पुणे के बम धमाके को बेहद गंभीरता से लिया है. उन्होंने कहा है कि इस मामले की तेज़ी से जांच होनी चाहिए और जो कोई भी इस घृणित कार्य के लिए ज़िम्मेदार है, उसके साथ इंसाफ़ किया जा सके. गृह मंत्री पी चिदंबरम ने पुणे का दौरा करने के बाद प्रधानमंत्री को इस बारे में पूरी जानकारी दी.

Indien Arun Jaitley von Bharatiya Janata Party
बातचीत पर सवालतस्वीर: AP

लेकिन बीजेपी ने इस बम धमाके को मुद्दा बना लिया है. बीजेपी ने गृह मंत्री के उस बयान को ख़ारिज कर दिया, जिसमें चिदंबरम ने इसे ख़ुफ़िया विभाग की नाकामी नहीं बताया था. राज्यसभा में विपक्ष के नेता अरुण जेटली ने पाकिस्तान के साथ बातचीत बहाल करने पर भी सवाल उठाते हुए कहा, "सरकार ने पिछले कुछ दिनों में अजीब फ़ैसले किए हैं. हम सरकार से अपील करते हैं कि वह इन फ़ैसलों पर दोबारा विचार करे कि पाकिस्तानी हिस्से वाले कश्मीर से लोग लौट जाएं और पाकिस्तान के साथ फिर से बातचीत बहाल हो."

जेटली ने कहा कि आतंक और बातचीत एक साथ नहीं चल सकते. उन्होंने कहा कि जब आतंकी घटनाएं हो रही हों, तो बातचीत नहीं करना ही सही कूटनीतिक क़दम है. भारत और पाकिस्तान के बीच सचिव स्तर की बातचीत 25 फ़रवरी से शुरू हो रही है. बीजेपी इसका विरोध कर रही है और उसका कहना है कि पाकिस्तान के रुख़ में कोई बदलाव नहीं आया है.

उधर, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री यूसुफ़ रज़ा गिलानी ने पुणे में हुए बम धमाके की निंदा की है. गिलानी ने कहा, "हम हर तरह के आतंकवाद का विरोध और निंदा करते हैं. हम इस क्षेत्र को आतंकवाद से मुक्त कराना चाहते हैं. हम भारत के साथ अच्छे रिश्ते रखना चाहते हैं. हम चाहते हैं कि बातचीत सफल हो."

इस बीच विदेश और गृह मंत्रियों ने बातचीत से जुड़े किसी सवाल का जवाब नहीं दिया. पुणे के दौरे पर गए गृह मंत्री से जब इस बाबत पूछा गया तो उन्होंने कहा कि वह यहां विदेश और कूटनीतिक मामलों पर बात नहीं करने आए हैं और वह जब दिल्ली लौटेंगे तो इस पर वहीं बात होगी.

विदेश मंत्री एसएम कृष्णा ने चेन्नई में कहा कि अभी वह इस मामले में कोई बयान नहीं दे सकते हैं और घटना की जांच रिपोर्ट का इंतज़ार कर रहे हैं. मुंबई पर हुए आतंकवादी हमले के बाद से भारत और पाकिस्तान की बातचीत रुकी हुई है, जो 25 फ़रवरी को शुरू होने वाली है.

रिपोर्टः एजेंसियां/ए जमाल

संपादनः राम यादव