1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

पुणे धमाका: अल अलामी ने ज़िम्मेदारी

१७ फ़रवरी २०१०

लश्कर ए तैयबा अल अलामी नाम के एक गुट ने पुणे बम धमाके की ज़िम्मेदारी ली है. मंगलवार को इस गुट के एक सदस्य ने इस्लामाबाद में 'हिंदु' अख़बार की संवाददाता को फ़ोन करके यह दावा किया. अल अलामी गुट अब तक अज्ञात ही रहा है.

https://p.dw.com/p/M3Nl
तस्वीर: AP

अल अलामी नाम के गुट के एक सदस्य ने मंगलवार को 'हिंदु' दैनिक की इस्लामाबाद संवाददाता निरुपमा सुब्रमण्यन को फ़ोन पर कहा कि भारत पाकिस्तान के साथ वार्ता में कश्मीर मुद्दे पर बात नहीं कर रहा है और इसके जवाब में यह धमाका किया गया है.

फ़ोन करने वाले ने अपनी पहचान अबु जिंदाल बताई और ख़ुद को लश्कर ए तैयबा अल अलामी (इंटरनेशनल) का प्रवक्ता बताया.

पिछले दिनों भारत के गृहमंत्री पी चिदंबरम ने एक भारतीय टीवी चैनल से इंटरव्यू में कहा था कि नवंबर 2008 के मुंबई हमलों में आतंकवादियों को किसी भारतीय से मदद मिली हो सकती है. उन्होंने कहा कि इस आदमी को हम अबु जिंदाल के नाम से जानते थे लेकिन नई जानकारी से पता चला है कि अबु जिंदाल वास्तविक नाम नहीं है.

हिंदु अख़बार को फ़ोन करने वाले अबु ज़िंदाल नाम के व्यक्ति ने दावा किया कि उसके गुट ने पुणे की जर्मन बेकरी में धमाका किया क्योंकि भारत ने पाकिस्तान के साथ बातचीत में कश्मीर मुद्दे पर चर्चा करने से इनकार कर दिया.

साथ ही ख़ुद को अबु जिंदाल बताने वाले इस व्यक्ति का यह भी दावा था कि हमले का एक कारण भारत का अमेरिका के साथ सहयोग भी है. पुणे में बम धमाका करने के यही दो कारण हैं. फ़ोन करने वाले ने कहा कि "जो भी अमेरिका का इत्तेहाद होगा, हम उसके ख़िलाफ़ जंग लड़ेंगे, चाहे वो इंडिया हो या पाकिस्तान."

साथ ही उसने कहा कि उसका संगठन लश्कर ए तैयबा से इसलिए अलग हो गया क्योंकि वह पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के निर्देश पर काम करता है.

यह पूछने पर कि उसने भारत में यह बम धमाका किया कैसे, उस पर उसने कहा कि गुट के अपने सूत्र भारत में हैं और उनको ही यह करने के लिए सक्रिय किया गया.

सुब्रमण्यम ने बताया कि फ़ोन करने वाला पढ़ा लिखा व्यक्ति लग रहा था और आवाज़ से बीस साल से भी कम उम्र का लगता था. फ़ोन करने वाले ने कहा कि वह उत्तरी वज़ीरिस्तान के मीरानशाह से बोल रहा है. अपने गुट के सरगना का नाम बताने से उसने इनकार कर दिया.

जब उस नंबर पर फ़ोन करने की कोशिश की गई तो संदेश था कि यह नंबर अस्थाई रूप से उपयोग में नहीं है. हिंदु की संवाददाता ने बताया कि फ़ोन का कोड बन्नू ज़िले में सामान्यतया इस्तमाल किया जाता है.

पांच फ़रवरी को कश्मीर एकता दिवस के दौरान हुई बैठक में जमात उद दावा के प्रमुख हाफ़िज़ मुहम्मद सईद ने धमकी दी थी कि भारत और पाकिस्तान के बीच समस्याओं का एक ही इलाज है जम्मू कश्मीर की आज़ादी. अगर ऐसा नहीं हुआ तो चरमपंथी गुट जिहाद करेंगे.

ऐसे ही 4 फ़रवरी को जेयूडी की बैठक में जिहादी गुटों पर से प्रतिबंध उठाने की चेतावनी भी दी गई थी.

रिपोर्टः एजेंसियां आभा मोंढे

संपादनः एस गौड़