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पीएफ घोटाला: विसरा नमूने सीबीआई के हवाले

२० अक्टूबर २००९

ग़ाज़ियाबाद पीएफ घोटाले के मुख्य आरोपी और गवाह की जेल में मौत के बाद सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई से कहा है कि वो मृतक के विसरा के नमूने ले ले. इस मामले में कई बड़ी अदालतों के जजों पर संगीन आरोप लगे हैं.

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सुप्रीम कोर्ट में सुनवाईतस्वीर: Wikipedia/LegalEagle

सुप्रीम कोर्ट की विशेष बेंच ने मंगलवार को सीबीआई को आदेश दिया कि वो पीएफ घोटाले के मुख्य आरोपी और गवाह आशुतोष अस्थाना के पोस्टमार्टम के नमूनों की जांच अपने हाथ में ले. सीबीआई को आदेश दिया गया है कि इन नमूनों की जांच एम्स की फॉरेसिंक टीम से करवाए. यूपी पुलिस को भी आदेश दिया गया है कि सभी गवाहों की सुरक्षा की जाए.

करोड़ों रुपये के प्रॉविडेंट फंड घोटाले का मुख्य आरोपी आशुतोष अस्थाना की शनिवार को ग़ाज़ियाबाद की डासना जेल में रहस्यमय हालात में मौत हो गई.

दरअसल अस्थाना ग़ाज़ियाबाद ट्रेज़री अफसर थे. जिन्हें अप्रैल 2008 में पुलिस ने गिरफ्तार किया. आरोप है कि अस्थाना ने कई जजों के साथ मिलीभगत करके तृतीय और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के पीएफ का पैसा ही डकार लिया. आरोपों के मुताबिक दूसरों के पीएफ के पैसे से आरोपियों निजी ख़रीदारी की, यात्राएं की और उपहार बांटे. जिन जजों पर घोटाले में शामिल होने के आरोप हैं उनमें सात इलाहाबाद हाई कोर्ट के जज, छह रिटायर्ड जज और यूपी के 12 अन्य जज शामिल हैं.

सुप्रीम कोर्ट में इस मामले में अभियोजन पक्ष के वकील वरिष्ठ एडवोकेट प्रशांत भूषण हैं. उनकी मांग है कि न्यायपालिका के भ्रष्टाचार से जुड़े इस मामले में अदालत गंभीरता दिखाए. प्रशांत भूषण के मुताबिक न्यायपालिका पर लोगों को विश्वास बनाए रखने के लिए यह बहुत ज़रूरी हो गया है. मंगलवार को सबसे बड़ी अदालत ने इस मामले की जांच कर रहे मजिस्ट्रेट को आदेश दिया कि अस्थाना की मौत की रिपोर्ट आठ हफ्ते के भीतर पेश की जाए.

रिपोर्ट: पीटीआई/ओ सिंह

संपादन: ए जमाल