जमानत पर पिस्टोरियस
४ जून २०१३प्रिटोरिया में मजिस्ट्रेट की अदालत ने मुकदमे की सुनवाई की नई तारीख देते हुए कहा है कि मामले में और जांच की जरूरत है. अगस्त में भी मुकदमे की सुनवाई शुरू होने की उम्मीद नहीं है. उस दिन औपचारिक रूप से आरोप पत्र दाखिल किया जाएगा और उसे अदालत और बचाव पक्ष को दिया जाएगा. अभियोजन पक्ष के एक प्रवक्ता ने कहा, "हमें उम्मीद है कि मुकदमे की सुनवाई इस साल शुरू हो पाएगी."
26 साल के पिस्टोरियस पर गर्लफ्रेंड रीवा स्टीनकैम्प की हत्या करने का आरोप है. वे जमानत पर जेल से बाहर रहेंगे क्योंकि सरकारी और बचाव पक्ष के वकील मुकदमे की नई तारीख लेने पर एकमत थे. फरवरी में अदालत ने पिस्टोरियस को हत्या के मामले में जमानत दे दी थी.
विकलांग एथलीट ने 14 फरवरी को अपनी गर्लफ्रेंड को गोली मार दी थी. पिस्टोरियस ने प्रिटोरिया के धनी इलाके में मौजूद अपने घर के बंद बाथरूम में रीवा को चार बार गोली मारने की बात मान ली है. उसका कहना है कि रात में उसने गलती से 29 वर्षीया स्टीनकैम्प पर गोली चलाई, क्योंकि उसे लगा था कि बंद दरवाजे के पीछे चोर है.
मुकदमा शुरू होने से पहले कोर्ट को दिए गए बयान में अभियुक्त के वकील ने कहा कि फायरिंग एक त्रासद गलती थी और पिस्टोरियस ने आत्मरक्षा में गोली चलाई थी. अभियोजन पक्ष ने पिस्टोरियस पर जानबूझ कर की गई हत्या का आरोप लगाया है. दरवाजे के पीछे से की गई फायरिंग में गोली स्टीनकैम्प के सर, कूल्हे और बांह में लगी.
जज डैनियल थुलारे ने पिस्टोरियस मामले में मीडिया में हो रही व्यापक और सनसनीखेज रिपोर्टिंग पर चिंता व्यक्त की है. पिछले हफ्ते एक ब्रिटिश टेलिविजन चैनल ने घटनास्थल की तस्वीरें दिखा दी थी. जज ने कहा कि उन्हें इन गतिविधियों पर थोड़ी बहुत चिंता है जो न्यायिक प्रक्रिया को प्रभावित कर सकते हैं या सनसनीखेज बना सकते हैं. अभियुक्त के वकील ब्रायन वेबर ने भी रिपोर्टिंग को पूरी तरह से बढ़ा-चढ़ा बताया है. सरकारी वकील ने पहले ही खून से लथपथ घटनास्थल की तस्वीरें जारी किए जाने की आलोचना की थी.
मंगलवार सुबह पिस्टोरियस गंभीर चेहरे के साथ अदालत में दाखिल हुआ. वहां उसने परिवार के सदस्यों के साथ थोड़ी बहुत बातचीत की. 60 लोगों के लिए बनी अदालत में 90 लोग जमा हुए थे. पिस्टोरियस के दोस्तों और रिश्तेदारों के अलावा कमरा पत्रकारों और फोटोग्राफरों से खचाखच भरा था.
पिस्टोरियस के दोनों पैर नहीं हैं. पांव में प्रोस्थेटिक लगाकर रेस में भाग लेने के कारण वे ब्लेड रनर के नाम से मशहूर हैं. उन्होंने 2012 के ओलंपिक और पैरालंपिक में हिस्सा लिया. उनकी गिरफ्तारी और बाद में हत्या के आरोप ने दुनिया भर के लोगों को भौचक्का कर दिया क्योंकि उन्हें मुश्किलों पर जीत का प्रतीक माना जाता था. नस्लवादी इतिहास वाले दक्षिण अफ्रीका में वे काले और गोरे दोनों समुदायों के हीरो थे. फरवरी में जमानत मिलने के बाद से वे आम तौर पर लोगों की नजरों से दूर रहे हैं.
एमजे/एनआर (डीपीए)