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पानी और रिवायत का शहर ब्रांडनबुर्ग

शिव प्रसाद जोशी२० अगस्त २००९

ब्रांडनबुर्ग तेज़ी से औद्योगिक विकास करने वाला जर्मनी का ये शहर अगर स्टील की मशीनों के लिए जाना जाता है तो इसकी ख़ूबसूरत वादियों में एक दिलचस्प दंतकथा भी तैरती है. झीलों से सजा ये शहर जर्मनी में तैराक पैदा करता है.

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झीलों और दरियाओं में झाकंता ब्रांडनबुर्गतस्वीर: Touristen-Information Brandenburg

ब्रांडनबुर्ग. जल-कल का शहर

कोई कल्पना नहीं कर सकता कि अपनी जल धाराओं और कुदरत के नायाब आकर्षणों के लिए मशहूर ब्रांडनबुर्ग एक ज़माने में कैसे रक्तपात का रण गढ़ था. विभिन्न जर्मन कबीलों के बीच शुरुआती मध्ययुगीन वक़्त में हिंसक टकराहटें होती थीं. इस इलाक़े का पहला शासक था अल्बर्ट द बियर. ध्वंस और उत्पात से भरे दशकों के बाद ब्रांडनबुर्ग को अपने वर्तमान स्वरूप में आने में लंबा समय लगा. लेकिन धीरे धीरे सारी कड़वी यादें वक़्त के दरिया में बह गईं. अब ब्रांडनबुर्ग के दरिया और उसकी झीलें आत्मिक उल्लास जगाती हैं. बर्लिन के पड़ोस में बसे ब्रांडनबुर्ग का एक विशिष्ट नगर है श्प्रीवाल्ड जो अपनी झीलों के लिए मशहूर है. यहां सैलानी नौका विहार और साईक्लिंग करने आते हैं. ब्रांडनबुर्ग में कई शाही क़िले भी हैं.

Deutschland Wasserwanderer bei Rheinsberg
नावों का लुत्फ़तस्वीर: picture-alliance/ ZB

ब्रांडनबुर्ग से जुड़ी एक दिलचस्प दंतकथा भी है. यहां के नाईयों पर. कहते हैं उनसे हज़ामत कराने वालों को अपने चेहरे की सलामती की दुआ पहले ही कर लेनी चाहिए. ब्रांडनबुर्ग में एक नाई रहता था जिसका नाम था फ्रित्से बोल्लमान. उसे पैसों की बड़ी तंगी रहती थी. बच्चे बड़े सब उस पर फ़ब्तियां कसते. वो निराशा में शराब का आदी बन गया और नशे की हालत में वो एक दिन बीत्स नाम की झील में अपनी नाव से गिर गया. कहते हैं कि मौत के बाद वह सीधा स्वर्ग पहुंचा. उसे ज़्यादा देर रूकने की इजाज़त नहीं मिली. संत पीटर की दाढ़ी बनाने का मौक़ा उसे ज़रूर मिल गया. लेकिन उसकी हज़ामत से संत पीटर ने तौबा कर ली और चेहरे पर जगह जगह आयी खरोंचों के बाद उन्होंने तय किया कि नाई से हज़ामत बनाने से बेहतर है दाढ़ी रख लेना. लिहाज़ा बोल्लमान को वापस धरती में भेज दिया गया मनुष्यों की हज़ामत बनाने के लिए.
दंतकथा में भले ही नाई का उत्पात दिखाया गया हो लेकिन असल में ब्रांडनबुर्ग की अधिकांश आबादी इस पेशे में नहीं है. वे तो तैराक हैं और पानी के खिलाड़ी हैं. मानो उनके शहर की झीलों और नदियों ने उनमें ये जन्मजात संस्कार भर दिया हो.

शहर के तीन भाग

ब्रांडनबुर्ग असल में तीन नगरों का समुच्च्य है. आल्टश्टाड्ट (पुराना नगर), न्युश्टाड्ट (नया नगर) और डोमिनज़ेल (चर्च द्वीप). शहर में चलते हुए आप इतिहास की कई झलकियों से रूबरू हो सकते हैं.

Vogelgrippe in Sicht
कभी लड़ाई का गढ था ब्रांडनबुर्गतस्वीर: AP

पूर्वी जर्मन के इस शहर के कई हिस्से कम्युनिस्ट दौर की मुश्किलों और अवसादों की याद भी दिलाते हैं. लेकिन पुनर्निर्माण की प्रक्रिया ने पुरानी खरोंचों को कुछ हद तक भरने की कोशिश की है. ब्रांडनबुर्ग के जल उल्लास में चार चांद लगाते हैं उसके जन बागीचे, जहां लोग फूल और पेड़ की छांव में घास के नरम बिछौनों पर कुछ देर सुस्ताने और मन की थकान को भुलाने आते हैं. इसी अनुपम ब्रांडनबुर्ग के इर्दगिर्द औद्योगिक पार्क भी हैं जहां स्टील की कारें, प्राम साइकलें और खिलौने बनाए जाते हैं.

नदियों और झीलों का शहर ब्रांडनबुर्ग आज जर्मनी के सबसे महत्त्वपूर्ण औद्योगिक शहरों में शामिल है. स्टील के कारखानों का इतिहास यहां के एक संग्रहालय में नुमाया है. ब्रांडनबुर्ग दुनिया के उन गिने चुने पारंपरिक शहरों में है जहां प्रकृति और विकास के बीच एक अद्भुत अविस्मरणीय तालमेल संजो कर रखा गया है. और संतुलन का ये निरालापन सिर्फ यहीं नहीं बल्कि स्मृतियों और यथार्थ के बीच भी है. जैसे कि आप आज भी फ्रित्ज़े बोल्लमान को अपनी नाव में मछली पकड़ते देख सकते हैं. जी हां, शहर के बीच एक फव्वारे के पास एक पत्थर की नक्काशी में आपको वो दिख जाएगा. अपनी ही एक कथा स्मृति का ये सम्मान ब्रांडनबुर्ग को एक विरल शहर बनाता है.