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पाकिस्तान में उठी नए चुनाव कराने की मांग

३० जुलाई २०१८

पाकिस्तान में धांधली के आरोपों के बीच नए सिरे से चुनाव कराने की मांग तेज हो रही है. पाकिस्तान में हालिया चुनावों पर अंतरराष्ट्रीय पर्यवेक्षकों ने भी सवाल उठाए हैं.

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Pakistan | Feiernde Anhänger von Imran Khan 2013
तस्वीर: picture-alliance/dpa/A. Arab

25 जुलाई को हुए आम चुनाव में क्रिकेटर से राजनेता बने इमरान खान की पार्टी तहरीक ए इंसाफ 115 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी के तौर पर उभरी है. पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की पार्टी पीएमएल (एन) 64 सीटों के साथ दूसरे नंबर पर है जबकि 43 सीटों के साथ पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी को तीसरा स्थान मिला है.

पूरी तरह सेना की निगरानी में हुए इन चुनावों की विश्वसनीयता पर सवाल उठ रहे हैं. पीएमएल (एन) के प्रवक्ता मुशाहिदुल्लाह खान कहते हैं, "हमने पूरी चुनाव प्रक्रिया को खारिज कर दिया है और नए सिरे से चुनाव कराए जाने को लेकर अन्य पार्टियों के साथ बातचीत कर रहे हैं."

पीएमएल (एन) पहली पार्टी है जिसने चुनाव नतीजों को खारिज किया. इसके बाद सिंध और खैबर पख्तून ख्वाह प्रांत की तीन अन्य पार्टियों ने भी नतीजों को मानने से इनकार कर दिया. चुनावों की विश्वसनीयता पर स्थानीय और अंतरराष्ट्रीय पर्यवेक्षकों ने भी सवाल उठाए हैं.

इमरान खान को आप कितना जानते हैं

कम से कम पांच संसदीय निर्वाचन क्षेत्रों में मतों की दोबारा गिनती के बाद नतीजे बदल गए हैं. पहले यहां पर इमरान खान की पार्टी पीटीआई को विजेता घोषित किया गया था. जमीयत उलेमा ए इस्लाम (जेयूआई-एफ) के सीनेटर हाफिज हमीदुल्लाह कहते हैं, "यह इलेक्शन नहीं, सेलेक्शन है."

उनकी पार्टी भी देश में नए सिरे से चुनाव कराने की मांग कर रही है. वह कहते हैं, "हम धांधली के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करेंगे और अन्य पार्टियों के साथ नए सिरे से चुनाव के लिए बात करेंगे."

पीएमएल (एन) ने कहा है कि वह इस बारे में बिलावल भुट्टो जरदारी की पार्टी पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी से भी बात करेंगे. हालांकि पीपीपी ने कहा है कि वह विपक्ष में बैठेगी लेकिन उसका यह भी कहना है, "स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव हर पाकिस्तानी का अधिकार है और इस मामले पर हम कोई समझौता नहीं करेंगे."

नवाज शरीफ की पार्टी ने कहा, धांधली हुई है

चुनाव प्रचार के दौरान पीएमएल (एन) ने आरोप लगाया कि पाकिस्तानी सेना इमरान खान को जिताने के लिए हर मुमकिन कोशिश कर रही है. नवाज शरीफ ने कहा कि सेना ने न्यायपालिका पर दबाव डाला जिसके चलते उन्हें चुनाव लड़ने से अयोग्य करार दिया गया. हालांकि सेना ऐसे आरोपों से इनकार करती है.

पीएमएल (एन) नेता मुशाहिदुल्लाह खान कहते हैं, "हम इन चुनावों को वैध नहीं मानते और हम अन्य पार्टियों के साथ मिल कर आंदोलन करने को तैयार हैं." यूरोपीय संघ के पर्यवेक्षकों ने भी चुनाव प्रचार के दौरान पाकिस्तान के सियासी माहौल को लेकर अपनी आपत्ति दर्ज कराई. उनका कहना है कि कुछ पार्टियों के साथ भेदभाव किया गया है. अमेरिका ने भी इसी तरह की चिंताएं जताईं.

पीएमएल (एन) के नेता और पूर्व गृह मंत्री अहसन इकबाल कहते हैं, "यह पाकिस्तान के इतिहास का सबसे विवादित चुनाव है."

एके/एमजे (डीपीए, रॉयटर्स)

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